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सोयाबीन के दाम में लगी आग, 7500 रुपये प्रति क्विंटल हुआ भाव!
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सोयाबीन के दाम में लगी आग, 7500 रुपये प्रति क्विंटल हुआ भाव!
👉🏻 सरसों के बाद ऑनलाइन मंडी में सोयाबीन का दाम भी पहुंचा न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर. देश की कई मंडियों में तिलहन फसलों की रिकॉर्ड तेजी का फायदा उठा रहे किसान. 👉🏻 तिलहन फसलों के दाम का रोजाना नया रिकॉर्ड बन रहा है. ऑनलाइन मंडी (Online Mandi) में सरसों के बाद अब सोयाबीन के दाम (Soybean price) में भी आग लग गई है. यह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के ऊपर बिक रहा है. इसका एमएसपी 3,880 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि ओपन मार्केट में इसका रेट 7000 से 7500 रुपये तक चल रहा है. अमरावती (महाराष्ट्र) की दरियापुर मंडी में इसका मॉडल प्राइस 7,570 रुपये क्विंटल रहा. जबकि राजस्थान की कोटा मंडी में 6,874 रुपये क्विंटल के रेट पर सोयाबीन की बिक्री हुई. यह ऑनलाइन मंडी ई-नाम (e-NAM) का रेट है. इसे राष्ट्रीय कृषि बाजार भी कहते हैं. 👉🏻 पिछले कई साल के बाद सोयाबीन किसानों (Farmers) को उनकी उपज का अच्छा दाम मिल रहा है. इसकी फसल मुख्य तौर पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में होती है. अच्छे दाम से किसान खुश हैं. तिलहन फसलों में सोयाबीन का सबसे अधिक योगदान है. प्रोटीन एवं तेल (Oil) की भरपूर मात्रा की वजह से दुनिया में खाद्य तेल एवं पौष्टिक आहारों के लिए यह महत्वपूर्ण सोर्स है. ओपन मार्केट में हमेशा कम नहीं रहता रेट 👉🏻 आमतौर पर यह माना जाता है कि खुले मार्केट में कृषि उपज का अच्छा दाम नहीं मिलता. इसे लेकर किसानों और सरकार में हमेशा मतभेद रहा है. लेकिन इस साल सरसों (Mustard price) और सोयाबीन का दाम ओपन मार्केट में एमएसपी से ऊपर चल रहा है. महाराष्ट्र की कुछ मंडियों में गेहूं का रेट भी एमएसपी से ऊपर चला गया है. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में सोयाबीन का दाम एमएसपी से अधिक दर्ज किया गया है. इस साल सरसों अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य 4650 से कहीं बहुत अधिक करीब 7000 से ऊपर के रेट पर बिक रही है. 👉🏻 महाराष्ट्र राज्य कृषि मूल्य आयोग के पूर्व चेयरमैन पाशा पटेल ने टीवी-9 डिजिटल से बातचीत में कहा कि 2012 में भी सोयाबीन का अच्छा भाव मिला था. मांग और आपूर्ति में जब गैप होगा तो किसानों को फायदा मिलेगा. इस बार सोयाबीन का उत्पादन कम हुआ है. दाम अच्छा मिलेगा तो किसान तिलहनी फसलों की खेती की ओर प्रेरित होंगे. 👉🏻 कृषि विशेषज्ञ बिनोद आनंद का कहना है कि हम तिलहन के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर हैं. हर साल करीब 70 हजार करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात किया जाता है. इस साल साउथ और नार्थ अमेरिका में सोयाबीन का प्रोडक्शन भी कम हुआ है. इसलिए इसके दाम में तेजी है. सरकार ने भी इस साल फसलों की अच्छी खरीद की है, इसलिए प्राइवेट सेक्टर में भी अच्छा दाम मिल रहा है. ऑनलाइन मार्केट में जुड़े किसान 👉🏻 वन नेशन वन मार्केट के तहत राष्ट्रीय कृषि बाजार के नेटवर्क में देश की 1000 मंडियां जुड़ी हुई हैं. यह एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है, जो देश में मौजूद एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटियों (APMC) को एक नेटवर्क में जोड़ता है. इस प्लेटफार्म पर 21 राज्यों के 1,70,25,393 किसान, 1,63,391 ट्रेडर, 90,980 कमीशन एजेंट एवं 1,841 किसान उत्पादक संगठन (FPO) जुड़े हुए हैं. 👉🏻 खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍🏻 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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