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सोयाबीन की बुवाई के लिए किस्मों का चयन!
आज का सुझावएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
सोयाबीन की बुवाई के लिए किस्मों का चयन!
सोयाबीन की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किस्मों का चयन बहुत ही जरुरी है। आज के इस लेख हम सोयाबीन की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों के बारें में जानेंगे। अधिक उपज प्राप्त करने के लिए इनमे से किसी एक किस्म का चयन करें। 1. जे. एस-335 यह सोयाबीन की उन्नत किस्म है। इस प्रजाति की बीज 95 से 100 दिन में हो जाता है। इस बीज की खासियत यह है की वजन में अच्छी है 100 बीजों का 10 -13 ग्राम होता है। इस बीज की उत्पादन क्षमता 25–30 किवंटल/हैक्टेयर होता है। इसका रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है अन्य बीज से ज्यादा है। अर्द्ध-परिमित वृद्धि, बैंगनी फूल, रोंये रहित फलियां, जीवाणु झुलसा रोग प्रतिरोधी किस्म। 2. जे.एस. 93-05 इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 20 से 25 किवंटल प्रति हैक्टेयर है। यह 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाता है। इस प्रजाति की बीज का भी वजन 100 बीजों का 13 ग्राम होता है। इसकी विशेषताएं अर्द्ध-परिमित वृद्धि किस्म, बैंगनी फूल. कम चटकने वाली फलियां होती है | 3. जे. एस. 95-60 इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 20 से 25 किवंटल प्रति हैक्टेयर है। यह 80 से 85 दिनों में तैयार हो जाता है। इस प्रजाति की बीज का भी वजन 100 बीजों का 13 ग्राम होता है। इसकी विषेषताएं: अर्द्ध-बौनी किस्म, ऊचाई 45-50 सेमी, बैंगनी फूल, फलियां नहीं चटकती है। 4. जे.एस. 97-52 इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर है। फसल अवधि मध्यम, 100-110 दिनों की होती है। 100 बीजों का 12 - 13 ग्राम होता है। विशेषताएँ: सफेद फूल, पीला दाना, काली नाभी, रोग एवं कीट के प्रति सहनशील, अधिक नमी वाले क्षेत्रों के लिये उपयोगी। 5. जे.एस. 20-29 इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 20 से 25 किवंटल प्रति हैक्टेयर है। यह 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाता है। इस प्रजाति की बीज का भी वजन 100 बीजों का 13 ग्राम होता है। इसकी विशेषताएं: बैंगनी फूल, पीला दाना, पीला विषाणु रोग, चारकोल राट, बेक्टेरिययल पश्चूल एवं कीट प्रतिरोधी है। अवधि मध्यम, 90-95 दिन इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर है। 100 दाने का वजन 13 ग्राम से ज्यादा होता है। विशेषताएँ: बैंगनी फूल, पीला दाना, पीला विषाणु रोग, चारकोल राट, बेक्टेरिययल पश्चूल एवं कीट प्रतिरोधी बेक्टेरिययल पश्चूल एवं कीट प्रतिरोधी। 6. जे.एस. 20-34 इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 22-25 क्विंटल/हेक्टेयर होती है। अवधि मध्यम, 87-88 दिनों की है। 100 दाने का वजन 12-13 ग्राम होता है। विशेषताएँ: बैंगनी फूल, पीला दाना, चारकोल राट, बेक्टेरिययल पश्चूल, पत्ती धब्बा एवं कीट प्रतिरोधी, कम वर्षा में उपयोगी। 7. एन.आर.सी-7 अवधि मध्यम, 90-99 दिन इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 25-35 क्विंटल/हेक्टेयर होती है। 100 दाने का वजन 13 ग्राम से ज्यादा होता है। विषेषताएं: परिमित वृद्धि, फलियां चटकने के लिए प्रतिरोधी, बैंगनी फूल, गर्डल बीडल और तना-मक्खी के लिए सहनशील। 8. एन.आर.सी-12 इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 20 से 25 किवंटल प्रति हैक्टेयर है। यह 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाता है। इस प्रजाति की बीज का भी वजन 100 बीजों का 13 ग्राम होता है। इसकी विशेषताएं: परिमित वृद्धि, बैंगनी फूल, गर्डल बीटल और तना-मक्खी के लिए सहनशील, पीला मोजैक प्रतिरोधी होता है। 9. एन.आर.सी-86 इसकी विशेषताएं: सफेद फूल, भूरा एवं रोये, परिमित वृद्धि, गर्डल बीटल और तना-मक्खी के लिये प्रतिरोधी, चारकोल राॅट एवं फली झुलसा के लिये मध्यम प्रतिरोधी है। इस प्रजाति की बीज का उपज क्षमता 20 से 25 किवंटल प्रति हैक्टेयर है। यह 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाता है। इस प्रजाति की बीज का भी वजन 100 बीजों का 13 ग्राम होता है।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस_x000D_ यदि आपको दी गई जानकारी यदि आपको उपयोगी लगे तो, लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें।
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