सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
सोयाबीन की खेती के लिए खेत की तैयारी और उर्वरक प्रबंधन!
👉सोयाबीन की की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमें निम्न उपायों को अपनाना चाहिए:-
खेत की तैयारी:-
👉खाली खेतों की ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से माह मार्च से 15 मई तक 9 से 12 इंच गहराई तक करें। खेत की अच्छी तरह से पूर्व एवं पश्चिम की ओर 3 से 4 बार कल्टीवेटर से जुताई करना चाहिए। एवं बुवाई के पूर्व खेत में पाटा लगाकर समतल कर लेना चाहिए। खेत का ढलान एक तरफ होना चाहिए जिससे खेत में पानी न भर पाए। यह प्रक्रिया अपनाने से उत्पादन में अच्छी वृद्धि होगी।
उर्वरक प्रबंधन:-
1. उवर्रक प्रबंधन के अंतर्गत रसायनिक उर्वरकों का उपयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही किया जाना सर्वथा उचित होता है।
2. रसायनिक उर्वरकों के साथ नाडेप खाद, गोबर खाद, कार्बनिक संसाधनों का अधिकतम (10-20 टन/हे.) या वर्मी कम्पोस्ट 5 टन/हे. उपयोग करें।
3. संतुलित रसायनिक उर्वरक प्रबंधन के अन्र्तगत संतुलित मात्रा 20:60 - 80:40:20 (नत्रजन: स्फुर: पोटाश: सल्फर) का उपयोग करें।
4. संस्तुत मात्रा खेत में अंतिम जुताई से पूर्व डालकर भलीभाँति मिट्टी में मिला दें।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस,
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