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सही समय पर कराएं पशुओं का टीकाकरण
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सही समय पर कराएं पशुओं का टीकाकरण
पशुओं को प्रभावित करने वाले रोग से बचाव के लिए निर्धारित समय पर उनका टीकाकरण करवाया जाना चाहिए। पशुओं के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें क्षार और विटामिन दिया जाना चाहिए। टीकाकरण के लाभ - • बीमारी होने से पहले ही पशुओं का टीकाकरण किया जाना चाहिए। • रोग होने से पहले हम पशुओं का टीकाकरण कराते हैं तो उनमें प्रतिरोधक क्षमता बनने में दो से तीन सप्ताह लगता है। • टीकाकरण होने से पशुओं में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है इससे आगे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। टीकाकरण के लिए सही आयु - • गलघोंटू और लगड़ा बुखार (ब्लैक क्वार्टर रोग) के रोकथाम के लिए छह महीने के बछड़े और बड़े जानवरों का टीकाकरण किया जाना चाहिए। • यदि गाय को मुंहपका-खुरपका रोग का टीका नहीं लगाया गया है तो छह से सात सप्ताह के बछड़ों को टीकाकरण अवश्य कराएं।
बीमारी होने के बाद देखभाल के तरीके - • बीमार जानवरों को स्वस्थ जानवरों से अलग बांधे और उन्हें अलग चारा दें। उन्हें चरने के लिए बाहर मत छोड़े। • पशुओं को बांधने वाली जगह को कीटाणुरहित रखना चाहिए। • बीमार जानवरों को नदी या तालाब में पानी न पीने दें। • संक्रमित जानवरों का समय पर इलाज कराएं। • बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों में जानवरों को न जाने दें। • जिस क्षेत्र में बीमारी का प्रभाव है उन क्षेत्रों में पशुओं का बाजार या प्रदर्शनी न लगाएं। • बीमार पशुओं के मलमूत्र और बचे हुए चारे का निपटान सही जगह पर करें और मृत पशुओं के शरीर को अच्छी तरह दफनाएं। संदर्भ – एग्रोवन
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