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सस्ता और शानदार उपाय
👉किसानों को आवारा पशुओं से खेत को बचाने के लिए कई प्रकार के उपाए करने पड़ते हैं. जिसमें बड़े पैमाने पर लागत भी आती है. तो ऐसे में इस लेख में इनसे बचने का जैविक उपाय बतायेंगे किसानों के लिए खेत में फसल उगाने से ज्यादा मेहनत आवारा पशुओं से फसल की देखभाल करने में है. लेकन फिर भी आवारा पशुओं का आतंक इतना है कि फसल में नुकसान हो ही जाता है.
👉आवारा पशुओं की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु की एक स्टार्टअप कंपनी ने बायो-लिक्विड स्प्रे बनाई है. आपको बता दें कि इस बायो-स्प्रे को पूरी तरह जैविक और प्राकृतिक चीजों से बनाया गया है. इसका छिड़काव करने से आवारा-छुट्टा पशु और जंगली जानवर खेतों के आस-पास भी नहीं आएंगे. जिसे तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर से परीक्षण और मान्यता मिली है.
👉पशुओं के साथ कीटों का भी हो जाएगा सफाया:-
तमिलनाडु की एक स्टार्टअप कंपनी द्वारा बनाई गई इस स्प्रे का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा किया जा रहा है. कंपनी का दावा है कि ये स्प्रे पूरी तरह से प्राकृतिक और जैविक उत्पादों से बनाए गई है, जिससे फसल पर कोई भी गलत प्रभाव नहीं पड़ता है. इसके अलावा इसे छिड़कने से फसल से कीड़े- मकोड़े भी खत्म हो जाते हैं.
👉इस तरह होता है इसका छिड़काव:-
रिपोर्टस की मानें, तो फसल प्रबंधन के लिए हर्बोलिव स्प्रे ऑल ऑउट की तरह काम करती है. इससे फसल में कीट-रोग और पशुओं की समस्या तो दूर होती ही है, साथ ही मिट्टी को भी फायदा होता है. एक खेत में हर्बोलिव+ बायो स्प्रे को मिलाकर 14 लीटर मात्रा काफी रहती है. फसल के शुरूआती दौर में हर सप्ताह में एक छिड़काव किया जाता है. इसके बाद फसल और जोखिम के अनुसार हर 15 दिन में हर्बोलिव+ बायो स्प्रे कर सकते हैं.
👉उत्तर प्रदेश के किसानों को मिला इसका फायदा:-
तमिलनाडु के कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर द्वारा प्रमाणित इस स्प्रे का छिड़काव उत्तरप्रदेश के किसान कर रहे हैं. रिपोर्टस के मुताबिक इसका फायदा भी उन्हें देखने को मिला है. इसके अलावा किसानों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए दिल्ली स्थित गैर-सरकारी संगठन ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन काम कर रहा है.
👉स्त्रोत:-Agrostar
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