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सरसो की खली है धान के लिए गुणकारी!
👉नमस्कार किसान भाइयों धान में सरसों की खली के क्या फायदे है इसको किसान भाई धान में कब और कैसे इस्तेमाल कर सकते है। सरसो की खली का क्या महत्व है धान के खेत में इसकी भी हम जानकारी देंगे।
प्रयोग :-
👉किसान भाइयो धान आप ने लगा लिया होगा और बहेतर से बहेतर वैरायटी आपने लगाई होगी। अब आपको ज़्यादा उत्पादन के लिए तरह तरह के खाद बताये गए होंगे की यूरिया -डीएपी, जिंक आदि धान के खेत में डाले। इन सब खादों को हर किसान प्रयोग कर रहा है। अगर हम इन खाद की बात करे तो इनमे जो तीन ख़ास नुट्रिएंट होते है आपकी फसल को वही मिलते है जैसे नाइट्रोजन, पोस्पोरस, और पोटाश।लेकिन अगर आप किसान भाई 15 से 30 दिन के अंदर सरसो की खली का अपने धान के खेत में प्रयोग करते हो तो इस से आपकी फसल को छः नुट्रिएंट्स मिलते है जिसमे -नाइट्रोजन, पोटाश, फास्फोरस, बोरोन, जिंक और सल्फर। ये 6 पोषक तत्व आपकी धान की फसल की ग्रोथ बढ़ाते है और किल्लो की संख्या ज़्यादा करते है। और सरसो की खली के प्रयोग से रोग भी बहुत कम आता है आपकी धान की फसल में। इस से पोधो का विकास बहुत ही शानदार होता है। और आपका उत्पादन भी बढ़ता है और आपके फल में चमक भी आती है जो बेचते समय मंडी में अलग ही नज़र आती है।
सरसो की खली का प्रयोग कब और कैसे करे:-
👉एक एकड़ में 18 किलोग्राम सरसो की खली का प्रयोग करे किसान भाई। सरसो की खली को आप किसी ड्रम में भिगो दे। और उसको पांच दिनों तक भिगो कर रखे। और बीच के दिंनो में इसको हिलाते रहे ड्रम में डंडे के साथ। अब पांच दिन बाद 200 लीटर पानी में इसका घोल बना ले। और फिर इसको सिंचाई वाले पानी के साथ अपने खेत में छोड़ दे। यह पुरे खेत में मिक्स हो जाएगी। दूसरा तरीका जो है वो यह है की सरसो को कूट कर बारीक कर लेना चाइये। फिर इसको अपने धान के खेत में बखेर देना चाइये।
👉सरसो की खली का प्रयोग 15 दिन से ज़्यादा लगी हुई धान में ही करना चाइये। जब आपकी 15 दिन या उस से ज़्यादा दिन की फसल होती है तभी इसका इस्तेमाल करे। जब आपकी धान की फसल 15 दिन की होती है तभी आपकी धान की जड़ो में ग्रोथ चल रही होती है। तो अगर हम ग्रोथ चलते समय सरसो की खली का प्रयोग करते है तो इसको 6 पोषक तत्व मिल जाते है। इस से आपके धान के पौधे अच्छी ग्रोथ करते है। इस से पोधो और किल्लो की संख्यां बड़ी मात्रा में बढ़ती है।
👉सरसो की खली का प्रयोग करने से पहले आपके धान के खेत में पानी का होना बहुत ज़रूरी है। अगर खेत में पानी नहीं होता है तो उस से थोड़ा नुक्सान होता है। अगर पानी नहीं होगा तो सरसो की खली को गलने में समय लगता है जिस से काफी देर होजाती है। अगर खेत में पानी है तो यह एक घंटे के अंदर घुल जाती है इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व पोधो को फ़ायदा पहुंचना शुरू कर देते है। और 20 से 25 दिन में सरसो की खली और किसान भाइयो जब हम सरसो की खलीका इस्तेमाल करते है तो जो सरसो की खली को गलाती है तो वो फंगस फफूंद होती है और यह फफूंद सिर्फ खली में लगती है यह पोधो में नहीं लगती। कुछ किसान भाई कहते है की फफूंद आती है और यह नुक्सान देती है। किसान भाइयो ऐसा बिलकुल नहीं है फफूंद आती है खली में जो उसको गलने में मदद करती है और किसी भी प्रकार से धान की फसल को नुक्सान नहीं पहुँचती है। किसान भाई सरसो की खली का गन्ने के खेत में भी प्रयोग कर सकते है।
👉किसान भाइयो किसी भी तरह की कृषि, कृषि यंत्र, जीविक खेती, नई तकनीक से खेती की जानकारी चाइये तो हमे कमेंट करे और हमारी इस शानदार पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा किसान भाइयो तक शेयर ज़रूर करे।
स्रोत:-Agrostar
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