सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
सरसों में सफ़ेद रतुआ(गेरुई) रोग से बचाव!
👉🏻किसान भाइयों सरसों का सफेद (रतुआ) गेरुई रोग बहुत ही खतरनाक है तथा इस रोग के लगने से 23-55 प्रतिशत तक उत्पादन में कमी हो जाती है। तथा यह रोग पूरे संसार में पाया जाता है। और यह रोग भी फफूंद के कारण लगता है। इस रोग का लक्षण सबसे पहले पत्तियों की निचली सतह पर सफेद एवं पीले फफोले जैसे पड़ जाते हैं। और इस रोग के कारण पौधे का सही तरीके से बढ़वार नहीं हो पाती है। तथा फूल बदरंग हो जाते हैं।
👉🏻नियंत्रण के उपाय :-
मेटालैक्सिल-एम 31.8% ईएस @ 3.5 मिली० प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज को उपचारित करें।
मेटालैक्सिल 8% + मैंकोजेब 64 % डब्ल्यूपी की 1 किलोग्राम मात्रा को 400 लीटर पानी में घोलकर प्रकोपित फसल पर छिड़काव करें।
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स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस,
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