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सरसों में लाही (एफिड्स) के संक्रमण से बचाव
सरसों में लाही (एफिड्स) का संक्रमण मुख्य रूप से नवंबर-दिसंबर में शुरू होता है I जिसके कारण सरसों के पौधे की पतियाँ पीली पड़ने लगती हैं और गिर जाती हैं I जबकि फूल, फली और नाजुक शाखा सूख जाती है I लाही (एफिड्स) से स्राव के कारण सरसों का पौधा काला पड़ने लगता है और उसकी प्रकाशसंस्लेष्ण की प्रक्रिया में बाधा आने लगती है I नतीजतन सरसों के उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में कमी आती है साथ ही सरसों के दाने में तेल की मात्रा घट जाती है I
इस प्रकार करें एकीकृत प्रबंधन
- सलाहनुसार नाइट्रोजेन्स उर्वरक का छिडकाव करें और सिंचाई करें I
- किसान अपने खेत में पिला स्टीकर वाला जाल लगायें I
- पौधे पर कीट की प्राथमिक अवस्था में शाम के समय नीम आधारित कीटनाशक प्रति 10 लीटर पानी में 10 मिली (1% EC) से लेकर 40 मिली (0.15 % EC) या वर्टिसिलियम लेकानी फंगस आधारित पावडर का छिडकाव करें I
- यदि लाही (एफिड्स) का संक्रमण बढने लगे तो इमिडाक्लोप्रिड 70 WG @ 2 ग्राम थायोमिथाक्जोम 25 WG @ 4 ग्राम या सायपरमेथरिन 40 % अधिक प्रोफेनोपोस 4% EC @ 10 मिली या एसीफेट 75 WP @ 10 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 SL @ 5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में छिडकाव करें
- सुबह के समय पौधे के फूल पर मधुमक्खियां बैठती हैं इसलिए कीटनाशक का छिडकाव शाम के समय करना चाहिए I
- यदि क्षेत्र में परभक्षियो और परजीवीयो की संख्या अधिक है तो कीटनाशक के छिडकाव से बचे
डॉ. टी.एम. भरपोडा, _x000D_
एंटोमोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर,_x000D_
बी ए कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद- 388 110 (गुजरात भारत)