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सरसों के सॉफ्लाई का एकीकृत प्रबंधन
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
सरसों के सॉफ्लाई का एकीकृत प्रबंधन
कनाडा दुनिया में सरसों के दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में, सरसों के उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश पहले स्‍थान पर है उसके बाद राजस्थान, मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र है। सरसों में सॉफ्लाई का सबसे ज्‍यादा ध्‍यान रखा जाना चाहिए क्‍योंकि यह कीट फसल के प्रारंभिक चरण में हमना करता है। जबकि इस लार्वा को थोड़ा सा स्पर्श करने पर, यह मृत की तरह व्यवहार करता है और जमीन पर गिर जाता है (मौत का बहाना)। यह लावा फसल के 15 से 20 दिनों के चरण में पत्तियों पर गोलाकार शॉट छेद बनाकर बढ़ता है। पत्ते की निचली सतह पर एक से अधिक लार्वा देखे जाते हैं। ज्‍यादा संक्रमण में, यह लार्वा छोटे पौधों की सभी पत्‍तों को झाड़ देते हैं और दोबारा बुवाई करने की परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
एकीकृत प्रबंधन: • शुरूआत में लार्वा को हाथ उठाएं और उन्‍हें केरोसिनाइज्‍ड कृत पानी में नष्ट कर दें। • जब लार्वा की आबादी लगभग 2 प्रति फुट फीट पाई जाती है, तो नीम का तेल 50 मिलीलीटर या नीम आधारित फॉर्मूलेशन 20 (1% ईसी) से लेकर 40 (0.15% ईसी) मिलीलीटर तक प्रति 10 लीटर पानी में छिड़काव करें। • जैव-कीटनाशकों के फायदे लेने के लिए, बोवेरिया बैसियाना @ 40 ग्राम पति 10 लीटर पानी में छिड़काव करें। • इन छिड़कावों के बावजूद, यदि जनसंख्या नियंत्रित नहीं होती है, तो क्विनलफॉस 25 ईसी 20 मिलीलीटर या इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्लूजी 3 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में छिड़काव करें। • कोई भी व्‍यक्ति डस्‍ट फार्मुलेशन जैसे क्विनलफॉस 1.5% या क्लोरपैरिफॉस 2% @ 20-25 किलो प्रति हेक्टेयर इस्‍तेमाल कर सकता है। प्राकृतिक दुश्मनों और पर्यावरण पर उनके प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए ऐसे डस्‍ट फार्मुलेशन को इस्‍तेमाल करना वांछनीय नहीं है। डॉ. टी.एम. भरपोडा, एंटोमोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर, बी ए कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद- 388 110 (गुजरात भारत)
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