गुरु ज्ञानAgroStar
सरसों का माहू (चेपा /मोयला /एफिड) कीट नियंत्रण
👉यह कीट पौधों से मधुस्राव निकालता है, जिससे काले कवक का आक्रमण हो जाता है। इसके कारण पौधों की तना और पत्तियां काली पड़ जाती हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया बाधित होती है। इस वजह से फसल की उपज और तेल की मात्रा में कमी आ जाती है। बादलयुक्त और ठंडा मौसम इस कीट की वंशवृद्धि के लिए उपयुक्त होता है।
👉रासायनिक नियंत्रण:
1.डाइमिथोएट 30% ईसी घटक युक्त अग्रोअर @ 30 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
2. थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्बडासाइहेलोथ्रिन 9.5% ZC घटक युक्त किल-एक्स @ 15 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
👉अन्य प्रबंधन उपाय:
- नियमित रूप से फसल का निरीक्षण करें।
- संक्रमण शुरू होते ही प्रभावित पत्तियों और तनों को हटा दें।
- पौधों में नमी और घनी पत्तियों के कारण कीटों के प्रजनन को रोकने के लिए उचित वायु संचार सुनिश्चित करें।
👉यह उपाय न केवल कीटों की संख्या कम करेंगे बल्कि फसल को स्वस्थ रखने में भी मदद करेंगे।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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