गुरु ज्ञानAgroStar
सरसों का माहू (चेपा /मोयला /एफिड) कीट नियंत्रण
👉यह कीट पौधों पर मधुस्राव निकालता है, जिससे काले कवक का आक्रमण होता है और तना व पत्तियाँ काली पड़ जाती हैं। इसके कारण पौधे का प्रकाश संश्लेषण प्रभावित होता है, जिससे पौधे की उपज और तेल की मात्रा में कमी आती है। यह कीट ठंडे और बादलयुक्त मौसम में तेजी से फैलता है, जो इसकी वंशवृद्धि के लिए अत्यधिक अनुकूल होता है।
👉इस कीट के रासायनिक नियंत्रण के लिए डाइमिथोएट घटक युक्त अग्रोअर का 30 मिली या प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी घटक युक्त हेलिओक्स का 30 मिली मात्रा में 15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। यदि कीट का प्रकोप दोबारा दिखाई दे, तो 15 दिनों के अंतराल पर पुनः छिड़काव करना आवश्यक है।
👉इस विधि से पौधों को कीट के प्रकोप से सुरक्षित रखा जा सकता है और उपज व गुणवत्ता को बनाए रखा जा सकता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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