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सरकार देगी किसानों को मुआवजा!
🌱उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस योजना पर लगातार काम कर रहे है. वहीं बारिश व बाढ़ के समय फसल बर्बाद होने पर उन्हें मुआवजा देकर उनकी मदद करने को लेकर चर्चा की जा रही है.
🌱किसानों की फसल बर्बाद होने पर उनकी आर्थिक सहायता भी करती है. मुख्यमंत्री किसानों की आय में वृद्धि, सब्सिडी और योजना का लाभ प्रदान करने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण ‘ई-पड़ताल’ योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य फसलों का आंकड़ा जुटाना है, जिससे पता लगाया जा सके कि किस राज्य से कितना रकबा है.
🌱किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचने पर समय पर किसान भाईयों को मुआवजा दिया जा सके. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में किसान पारंपरिक खेती करते है. इसके साथ ही फल, सब्जी और फूलों की भी खेती करते हैं. इस वजह से उत्तर प्रदेश आलू, गन्ना और गेहूं के उत्पादन में सबसे आगे है.
🌱इन चरणों में होगा डेटा क्लेक्ट :-
ई-पड़ताल योजना को सरकार दो चरणों में लागू करेगी. पहले चरण में 15 सिंतबर को कैंपेन चलाएगी. फिर पहले चरण में 21 और दूसरे चरण में 54 जिलों में सर्वेक्षण होगा. इसके साथ ही प्रदेश, जिला और तहसील स्तर पर कमेटी बनाई जाएगी. जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेगा. माना जा रहा है कि ई-पड़ताल से किसानों की फसलों डेटा तो लिया है जाएगा. साथ ही उन्हें कैसे आय बढ़ानी है उसके लिए फ्रेम वर्क भी तैयार करेगी. जानकारी के लिए आपकों बता दें कि इस योजना के माध्यम से मिले सभी आंकड़ों के आधार पर ही किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा. फसलों की एमएसपी निर्धारित करने में भी यह आंकड़ा फायदेमंद होगा. इसके अलावा अन्नदाता किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से सब्सिडी पा सकते हैं
🌱दिया जाएगा प्रशिक्षण :-
इस डेटा को कलेक्ट करने के तत्पश्चात यूपी के 75 जिलों में स्थित 350 तहसीलों में 31002 अकाउंटेंट के माध्यम से 35983 ई- पड़ताल कलस्टर का डेटा शामिल होगा. इसमें फसलों की फोटो, उनका स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी फीड की जाएगी. इस सर्वे में हर जिले में जिला मास्टर ट्रेनर्स व तहसील में तहसील मास्टर ट्रेनर्स की पहचान की जाएगी. इसके बाद इन प्रशिक्षुओं को लखनऊ में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
🌱स्रोत:- AgroStar
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