कृषि वार्ताAgrostar
शुरू कर दें फसलों की बुआई !
👉उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मौसम विभाग ने जरूरी सलाह देते हुए बताया है कि वह इस सीजन किस प्रकार अपनी फसल व पशुओं की देखरेख कर सकते हैं.
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए सलाह दी है कि वह इस प्रकार अपनी फसल का ध्यान रखकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. तो वहीं राज्य के कुछ जिलों के लिए सलाह दी है कि वह सब्जी की बुवाई शुरू कर दे. पशुओं के देखभाल के लिए मौसम विभाग ने सलाह दी है.
👉फतेहपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, चित्रकूट और कौशांबी के किसानों के लिए सलाह
मौसम विभाग की मानें को तो धान की फसल में वर्षा ना होने पर 6-7 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करते रहें. बेहतर उपज के लिए फूल आने के समय पर्याप्त नमी बनाए रखें.
👉बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिले के किसानों के लिए सलाह
खरीफ फसल मक्के की पकी हुई फसल को काटकर धूप में सुखा लें.
धान की परिपक्व फसलों की कटाई करना शुरू कर दें. धान से खरपतवार हटा दें और ऊपर से ड्रेसिंग करते समय खेत में 2 से 3 सेमी से अधिक पानी नहीं होना चाहिए.
👉जिला: वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, संत रविदासनगर, जौनपुर और मौस के किसानों के लिए सलाह
खैरा रोग के नियंत्रण के लिए, जिंक सल्फेट @ 25 किग्रा / हेक्टेयर बेसल के रूप में डालें. नाइट्रोजन की एक चौथाई खुराक तैयार करें. खड़ी फसलों से अत्यधिक वर्षा जल को बाहर निकाल दें.
अरहर की फसल (लाल चना/अरहर) में पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था करें. सब्जियां सामान्य भारी वर्षा की स्थिति में ज्वार के खेत में अतिरिक्त वर्षा जल को हटा दें
👉जिला- जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा और हमीरपुर के किसान इस प्रकार रखें अपनी फसल का ध्यान
खड़ी फसलों से अत्यधिक वर्षा जल की निकासी कर लें.
हरे चने और काले चने की फसल में निराई करनी चाहिए.
मूंग, मटर, तिल की बुवाई के लिए समय अनुकूल है.
👉जिला- बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, फैजाबाद, बस्ती, रायबरेली, अंबेडकरनगर, संत कबीरनगर, गोरखपुर, देवरिया और बलिया के किसानों के लिए जरूरी सलाह
खड़ी फसलों में एकत्रित अत्यधिक जल की निकासी कर लें.
बेहतर फसल स्थापना और अधिक उपज के लिए समय पर खरपतवार प्रबंधन आवश्यक है.
तिल की बुवाई यथाशीघ्र पूर्ण करें. तो वहीं यह समय सरसों की अगेती बुवाई के लिए बेहद अनूकूल है.
प्याज के बीज वाली जगह पर खरपतवार हटा दें. क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी @ 4 मिली/लीटर पानी में सिंचाई के पानी का छिड़काव करें.
👉जिला: कन्नौज, हाथरस, मथुरा, आगरा, एटा,मैनपुरी, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर-ग्रामीण, कानपुर-शहरी, उन्नाव, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, खीरी और कांशीराम नगर के किसानों के लिए सलाह
चावल और मक्का की फसलों में सिंचाई को स्थगित कर दें और फसलों से अत्यधिक वर्षा जल को बाहर निकाल दें.
तिल, अरहर, काला चना, हरा चना : सिंचाई को स्थगित कर दें और खड़ी फसलों से हमारे अत्यधिक वर्षा जल को बहा दें.
बैंगन, भिंडी, फूलगोभी टमाटर, मिर्च, आदि का रोपण कर दें.
👉जिला मेरठ, पीलीभीत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, बुलंदशहर, मुरादाबाद, ज्योतिबा फुले नगर, बिजनौर, बदायूं, बरेली, रामपुर, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, शामली, संभल और हापुड़ी के किसानों के लिए सलाह
अरहर की फसल (लाल चना/अरहर) में पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था करें. फसल खरपतवार रहित होनी चाहिए.
👉स्त्रोत:-Agrostar
किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!