कृषि वार्ताAgroStar
शीतलहर से हो सकता है भारी नुकसान!
🌱 देश के कई राज्यों तेज ठंड के साथ ही शीतलहर का दौर चल रहा है जो आगे भी चार-पाँच दिनों तक जारी रह सकता है। तेज ठंड एवं शीतलहर से फसलों में पाला पड़ने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इस मौसम में पाला लगने से फसलों को बहुत अधिक नुक़सान होता है। इसलिए इस समय कृषकों को सतर्क रहकर फसलों की सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिये।
🌱 पाले से सर्दी के मौसम में सभी फसलों को थोड़ा या ज्यादा नुकसान होता है। टमाटर, आलू, मिर्च, बैंगन आदि सब्जियों एवं पपीता के पौधों एवं मटर, चना, धनिया, सौंफ आदि फसलों में सबसे ज्यादा 80 से 90 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। वहीं गेहूं तथा जौ में 10 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है।
🌱 पाले से फसलों को क्या-क्या नुकसान होता है?
पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधों की पत्तियां, कोंपलें, फूल एवं फल क्षतिग्रस्त हो जाते है। जिसके चलते पौधों की पत्तियां एवं फूल झुलसे हुए दिखाई देते है एवं बाद में झड़ जाते हैं। यहां तक कि अधपके फल सिकुड़ जाते है। उनमें झारियां पड़ जाती है एवं कलिया गिर जाती है। फलियों एवं बालियों में दाने नहीं बनते हैं एवं बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं। दाने कम भार के एवं पतले हो जाते है रबी फसलों में फूल आने एवं बालियां, फलियाँ आने व उनके विकसित होते समय पाला पड़ने की सर्वाधिक संभावनाएँ रहती है।
🌱 पाला पड़ने की संभावना कब रहती है?
सर्दी के दिनों में जिस रोज दोपहर से पहले ठंडी हवा चलती रहे एवं हवा का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे गिर जाए। दोपहर बाद अचानक हवा चलना बन्द हो जाए तथा आसमान साफ रहे, या उस दिन आधी रात से ही हवा रूक जाये तो पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है।
🌱 फसल में करें धुआँ
जिस रात पाला पड़ने की सम्भावना हो उस रात 12 से 2 बजे के आसपास खेत के उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठंडी हवा की दिशा में खेतों के किनारे पर बोई हुई फसल के आसपास मेड़ों पर रात्रि में कूड़ा कचरा या अन्य व्यर्थ घास फूल जला कर धुआँ करना चाहिये ताकि खेत में धुआँ आ जाये एवं वातावरण में गर्मी आ जाये।
🌱 फसलों की करें सिंचाई
पौधशालाओं के पौधों एवं सीमित क्षेत्र वाले उद्यानों, नगदी सब्जी वाली फसलों में भूमि के ताप को कम न होने देने के लिए फसलों को टाट, पॉलीथिन अथवा भूसे से ढक दें। वायुरोधी टाटियां, हवा आने वाली दिशा की तरफ यानि उत्तर पश्चिम की तरफ बांधें। जब पाला पड़ने की संभावना हो तब खेत में सिंचाई करनी चाहिये। नमीयुक्त जमीन में काफी देरी तक गर्मी रहती है तथा भूमि का तापक्रम एकदम कम नहीं होता है।
🌱पाले से बचाने के लिए करें गंधक का छिड़काव
जिन दिनों पाला पड़ने की संभावना हों उन दिनों फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिये। इस हेतु एक लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलकर एक हेक्टयर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से छिड़कें। ध्यान रखें कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगें। छिड़काव का असर दो सप्ताह तक रहता है।
🌱स्रोत:- AgroStar
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