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शरद पूर्णिमा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि!
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शरद पूर्णिमा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि!
चांद सी शीतलता, शुभ्रता, कोमलता, उदारता, प्रेमलता आपको और आपके परिवार को प्रदान हो शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं... शरद पूर्णिमा की रात वैज्ञानिक दृष्टि से भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। चन्द्रमा से निकलने वाली किरणों में विशेष प्रकार के लवण व विटामिन होते हैं। जब यह किरणें खाने-पीने की चीजों पर पड़ती हैं तो उनकी गुणवत्ता और बढ़ जाती है। हालांकि मान्यता यह भी है कि शरद पूर्णिमा की रात 10 से 12 बजे तक 30 मिनट के लिए चंद्रमा की रोशनी में रहना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद रहता है। शरद पूर्णिमा अनुष्ठान या पूजन विधि ब्रह्म मुहूर्त में उठें और पवित्र नदी में स्नान करें। देवी लक्ष्मी को लाल फूल, नैवेद्य, इत्र और अन्य सुगंधित चीजें अर्पित करें। माता का आह्वान करें और उन्हें फूल, धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य, सुपारी, दक्षिणा आदि अर्पित करें। देवी लक्ष्मी के मंत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। आरती भी करें और खीर चढ़ाएं इस दिन खीर किसी ब्राह्मण को दान करना ना भूलें। भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। शरद पूर्णिमा खीर के लाभ • शरद पूर्णिमा की रात्रि में खुले आसमान में रखी जाने वाली खीर को खाने से पित्त और मलेरिया का खतरा भी कम हो जाता है। • श्वास संबंधी बीमारी दूर हो जाती है। • हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। • चर्म रोग भी ठीक हो जाता है। • पवित्र खीर खाने से आंखों की रोशनी ठीक होती है। स्रोत:- लोकमत हिंदी, प्रिय किसान भाइयों इस वीडियो में दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक👍🏻करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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