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वाराणसी में खुला चावल अनुसंधान केंद्र
कृषि वार्ताआउटलुक एग्रीकल्चर
वाराणसी में खुला चावल अनुसंधान केंद्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चांदपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन कर किसानों को बड़ा तोहफा दिया। इस अनुसंधान केंद्र में चावल की पैदावार और उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शोध किया जाएगा। इस केंद्र का फायदा पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत से जुड़े राज्यों को भी मिलेगा। बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड आदि राज्यों में धान की खेती बड़ी मात्रा में होती है। इस अनुसंधान केंद्र में काला नमक, राजरानी, बादशाह पसंद और ब्लैक चावल जैसी उत्कृष्ट प्रजातियों की उत्पादकता पर भी शोध किया जाएगा।
पूर्वांचल की जलवायु और मिट्टी में होने वाली सुगंधा, बासमती और मंसूरी समेत अन्य हाईब्रिड प्रजातियों की गुणवत्ता, पैदावार, स्वादिष्टता, खुशबू और पौष्टिकता आदि को बढ़ाने का काम इस अनुसंधान केंद्र में किया जाएगा। केंद्र में विभिन्न किस्म के अच्छे जीन लेकर नई किस्म विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। मधुमेह की बीमारी को ध्यान में रखते हुए यहां धान की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी कार्य किया जाएगा। करीब 93 करोड़ रुपये की लागत से बना यह अनुसंधान केंद्र पूर्वी भारत का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संस्थान है। प्रधानमंत्री ने अनुसंधान केंद्र के उद्घाटन से पहले इसकी प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि का निरीक्षण भी किया। संदर्भ - आउटलुक एग्रीकल्चर, 29 दिसंबर 2018
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