गुरु ज्ञानAgroStar
लौकी की होगी जमकर पैदावार!
🌱 लौकी (घीया)
▶ लौकी जिसकी फसल वर्ष में तीन बार उगाई जाती हैं।
▶ लौकी जायद, खरीफ, रबी सीजन में लौकी की फसल ली जाती है।
▶ इसके पौधे के फूल सफेद रंग के होते हैं जो गुद्देदार और बोतल के आकार के फल देते हैं।
▶ लौकी के शारीरिक फायदे भी हैं। यह पाचन प्रणाली को अच्छा करता है, शूगर के स्तर और कब्ज को कम करता है।
▶ स्ट्रेस कम करता है लौकी को खाने से स्ट्रेस कम होता है।
▶ भारत में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और राजस्थान (जयपुर जिला बस्सी, झोटवाड़ा और शाहपुरा) प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
🌱 भूमि एवं इसकी तैयारी :-
▶ देश में लौकी की खेती को किसी भी क्षेत्र में सफलतापूर्वक की जा सकती है।
▶ इसकी खेती उचित जल निकासी वाली जगह पर किसी भी तरह की भूमि में की जा सकती है।
▶ उचित जल धारण क्षमता वाली सूक्ष्मजीवों युक्त हल्की दोमट भूमि इसकी सफल खेती के लिए सर्वोत्तम मानी गयी है।
▶ लौकी की खेती में भूमि का पी.एच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए।
▶ लौकी की खेती के लिए, ज़मीन को अच्छी तरह से तैयार करें।
▶ मिट्टी के भुरभुरा होने तक जोताई के बाद गोबर की खाद डाले।
🌱 उपयुक्त जलवायु एवं तापमान :-
▶ लौकी की खेती के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।
▶ यह पाले को सहन करने में बिल्कुल असमर्थ होती है।
▶ इसकी खेती को अलग-अलग मौसम के अनुसार विभिन्न स्थानों पर किया जाता है।
▶ शुष्क और अर्द्धशुष्क जैसे क्षेत्रों में इसकी पैदावार अच्छी होती है।
▶ लौकी की खेती में 30 डिग्री के आसपास का तापमान को काफी अच्छा होता हैं।
▶ इसके बीज जमने के लिए 30-35 डिग्री सेंटीग्रेड और पौधों की बढ़वार के लिए 32 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित होता हैं।
🌱 बुवाई का समय:-
▶ जायद की बुवाई फरवरी से मार्च, खरीफ- मध्य जून से प्रथम जुलाई तक और रबी- सितंबर अंत से अक्टूबर तक लौकी की खेती की जाती है।
🌱 बीजदर एवं बीज बोने की दुरी :-
▶ एक एकड़ में बिजाई के लिए 500-800 ग्राम बीज पर्याप्त होते हैं।
▶ पंक्ति से पंक्ति की दूरी- 6 फीट और पौधे से पौधें की दूरी 1 फीट. फासले का प्रयोग करें।
▶ बीज को 1-2 सैं.मी. की गहराई पर बोयें।
🌱 उन्नत किस्मों का चुनाव :-
मूंग की बीज की बुवाई करने के लिए एग्रोस्टार वरुण लौकी (50 ग्राम) बीज का चुनाव कर सकते है।
▶ फल की लंबाई - 35 से 45 सेमी. चौड़ाई 6 से 8 सेमी।
▶ फलों का आकार- बेलनाकार।
▶ फलों का वजन- 800 से 900 ग्राम।
▶ बुवाई का मौसम- बुवाई - साल भर।
▶ बुवाई की विधि- बीजाई विधि।
▶ पौधे की आदत- अधिक मजबूत और जोरदार बेल।
▶ बेरिंग के प्रकार- एकल।
🌱स्त्रोत:- AgroStar
किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।