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लहसुन फसल की कटाई और भंडारण
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
लहसुन फसल की कटाई और भंडारण
आम तौर पर लहसुन की कटाई रोपण के 120 से 150 दिनों के भीतर होती है। ठंड के मौसम में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में, फसल पकने में थोड़ी अधिक समय लगता है। कटाई के लिए योग्य फसल की पहचान कैसे करें? लहसुन के गांठ की पूर्ण वृद्धि के बाद, पत्तियों का विकास बंद हो जाता है। पत्तियां पीले रंग की हो जाती हैं। इसके अलावा उपरी हिस्सा सूख जाता है। जमीन से लगा हुआ भाग कोमल होकर गर्दन जमीन पर गिर जाती है। गर्दन में एक छोटी गाँठ बन जाती है। इसे 'लहसुन फटना' कहा जाता है।
• पत्तियां पूरी तरह से सुखने से पहले लहसुन की कटाई करनी चाहिए। लहसुन को एक छोटी सी कुदाल या कैंची से काटना चाहिए। • गांठे निकालने के बाद कुदाल या दरांती से फटे हुए गांठ को अलग करना चाहिए। साथ ही गांठे ग्रेडिंग करके अलग करनी चाहिए। • कटाई की गई लहसून की पत्तियों में कम नमी हो तब 20 से 30 समान आकार की गांठों के गुच्छ बनाकर चोटी बांधनी चाहिए। इसके बाद, ऐसे गुच्छों को पेड़ के नीचे या खुली छत पर, 10 से 15 दिनों तक सुखाना चाहिए। अधिकांश किसान पत्तियों की चोटी नहीं बांधते हैं और पत्तियों की गर्दन के पास बांधकर गुच्छ बनाते हैं और पत्तियों को मुक्त छोड़ देते हैं। पेड़ की छाया में गुच्छों को खडे रखकर सुखाना चाहिए। बाद में भंडारण गृह में रखना चाहिए। कुछ किसान लहसुन निकालने के बाद, गाँठ के गुच्छ बांधकर खेत में खड़े रखकर चारों तरफ मिट्टी लगाते है। ऐसी स्थिति में, लहसुन 10 से 15 दिनों तक खेत में सुखाते हैं। बाद में सुखे पत्ते काटकर गांठों के ग्रेडिंग करके बोरी में भरकर तुरंत बिक्री के लिए भेज देते है। भंडारण लहसुन की मांग प्याज की तरह सालभर रहती है। हालांकि, लहसुन की फसल केवल रब्बी सीजन में ही ले सकते है। इसलिए लहसुन को पूरे वर्ष में संग्रहीत करने की आवश्यकता है। इसलिए, लहसुन की अच्छी किस्मों चुनना चाहिए। प्याज और लहसुन अनुसंधान निर्देशालय ने अच्छी भंडारण क्षमतावाली लहसून की भीमा ओमकार और भीमा पर्पल किस्मों को विकसित किया है। • कटाई के बाद, इसका ग्रेडिंग करके गुच्छे बांधकर इसे सुखाना चाहिए और फिर इसे संग्रहित किया जाना चाहिए। • भंडारण के लिए हवादार भंडारण घरों का उपयोग किया जाना चाहिए। प्याज चॉल के बाद भंडारण को लहसुन के लिए तैयार किया जाना चाहिए। • चोटी बांधा हुआ लहसून बांस पर लटकाकर रखने से अच्छा रहता है। यदि उपज अधिक हो तो कम लहसुन समाता है, ऐसे समय पर छत की जमीन पर लहसुन के 3 से 4 फूट व्यास या 4 फूट ऊंचाइ के गोलाकार ढेर बनाकर रखने चाहिए। ढेर को स्थापित करते समय, नींव 4 फीट होनी चाहिए और ऊपरी हिस्सा 3 फीट होना चाहिए ताकि ढेर नीचे नहीं गिर सके। लहसुन की गांठ का भाग ढेर की बाहर की तरफ और पत्ते अंदर के तरफ, इस प्रकार गुच्छों को एक दूसरे के उपर रखकर गोलाकार तैयार करना चाहिए। दो ढेर के बीच घूम सके इतना अंतर रखने से हवा का संचार अच्छे तरीके हो सकता है। भंडारण से पहले भंडारण गृह में कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करना चाहिए। • अगर हम लहसुन को इस तरह से संग्रहित करते हैं तो यह 5 से 6 महीने तक रह सकता है। डॉ। शैलेंद्र गाडगे (प्याज और लहसुन अनुसंधान निर्देशालय, राजगुरुनगर जि. पुणे) एग्रोस्टार एग्रोनोमी एक्सलेंस सेंटर, 26 दिसम्बर
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