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रोपाई के समय ऐसे करें धान की पौध का रखरखाव!
👉🏻धान रोपाई यंत्र से की गई रोपाई से 10-15 प्रतिशत अधिक फसल उपज प्राप्त होती है। धान रोपाई के परंपरागत तरीकों में बीज को नर्सरी में बोया जाता है। पौधे को धीरे से निकाल कर साफ़ करके गुच्छा बनाकर मचाई की गई मिट्टी में रोपा जाता है। आज के समय में खेती मजदूरों के फैक्ट्रियों एवं दूसरे कामों में जाने कारण रोपाई के समय में मजदूरों की उपलब्धता में काफी कमी आई है। नई तकनीक और किसानी काम में विकास के कारण हाथ रोपाई की जगह अब धान रोपाई मशीन (पेडी ट्रांसप्लाटनर) ले रही है।
👉🏻धान की पौध को रोपाई के लिए उखाड़ने के बाद ऊपरी 3-5 सेमी० हिस्से की छंटाई कर देनी चाहिए जिससे कीटों पर नियंत्रण मिलता है। रोगों से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यू पी @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर पौध की जड़ों को घोल में आधे घंटे के लिए डुबा देना चाहिए। उसके बाद रोपाई कर देनी चाहिए।
मशीन से धान रोपाई हेतु:-
👉🏻पौध सतह बैड को समतल भूमि में बनाना चाहिए तथा साथ-साथ मेढ़/नाली भी बनाते हैं जिससे सिंचाई करने में आसानी रहती है। नर्सरी सतह (बैड) को पूर्ण रूप से समतल व सख्त होना आवश्यक है।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस,
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