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राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना !
योजना और सब्सिडीSarkari Yojana Bharti
राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना !
👉🏻जैसा कि मोदी सरकार ने अपनी सरकार बनने से पहले यह गठन लिया था कि वह आने वाले दिनों में किसानों की आय को दुगनी कर देंगे इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार ( E-NAM PORTAL) की स्थापना की है | ऑनलाइन की यह मंडी किसानों की हित के लिए ही है और अब तक देश के बहुत सारे किसान इसके तहत जुड़ चुके हैं और अपनी आय को दोगुना करने या अपनी आय को बढ़ाने के लिए काफी अच्छे से कार्य भी कर रहे हैं चलिए जानते हैं ई-नाम / E-NAM के बारे में । 👉🏻नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में किसानों की आमदनी को दुगना करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना की यह एक ऑनलाइन मंडी है जो किसानों के लिए अभी बहुत अच्छे से कार्य कर रही है देश के ज्यादातर किसान अब इस मंडी ( e-nam mandi ) के साथ जुड़ रहे हैं और अभी करीब पौने दो करोड़ किसान इस मंडी से जुड़ चुके हैं । राष्ट्रीय कृषि बाजार ( ई-नाम मंडी /E-NAM Scheme ) , 2017 में इस मंडी से केवल 17000 किसान ही जुड़े थे जबकि 2018-19 में इसकी संख्या पौने दो करोड़ तक पहुंच चुकी है । 👉🏻ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है जो पूरे देश के किसानों को 585 से भी अधिक मंडियों में अपने अनाज या उगाए गए फसलों को बेचने का बाजार उपलब्ध कराता है । ई-नाम / E-NAM पूरे देश में एग्री मार्केटिंग कमेटी को एक नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है इसका एक मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक उचित बाजार उपलब्ध करवाना है जिसमें किसानों को उनकी फसल की एवज में एक सही रकम मिल सके । ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal के इसी उपलब्धता को देखते हुए किसान इस पोर्टल पर बहुत ही तेजी से जुड़ रहे हैं । नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के जरिए कृषि उत्पादों को अधिक दाम मिलेगा और सरकार का यह एजेंडा है कि 2022 तक किसानों की आमदनी भी दुगनी हो जाएगी जिसके लिए सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के साथ राज्य स्तर पर भी योजनाएं चलाई है और ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal भी विकसित कर दिया है । ई-नाम पोर्टल के फायदे- 👉🏻चुकी यह एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है और इसके तहत देश के 585 मंडियों को शामिल किया गया है । इसकी सहायता से देश के विभिन्न राज्यों में स्थित कृषि उपज के मंडी को इंटरनेट के जरिए जोड़ दिया गया है । यानी कि अगर कोई बिहार का किसान अपने फसल को गोरखपुर में बेचना चाहता है तो कृषि उपज को ले जाने और मार्केटिंग करना काफी ज्यादा आसान हो गया है । किसानों को क्या है फायदा- ◆ देश के अलग-अलग राज्य के किसानों को एक उचित मंडी मिलेगी जिसमें उनके फसल के एवज में एक उचित रकम मिलेगा । ◆ ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal की सहायता से किसान और खरीदार के बीच कोई दलाल नहीं रहेगा यानी किसान सीधा अपना फसल खरीदार को दे सकता है । ◆ किसानों और व्यापारियों के बीच इस कारोबार में स्थानीय कृषि उपज मंडी के हित को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि पूरा व्यापार इसी माध्यम से हो रहा है । ◆ किसानों को उनकी फसल के एवज में एक उचित मूल्य मिलेगा जिससे किसानों को प्रोत्साहन और आय में भी बढ़ोतरी होगी । ई-नाम पे किसान कैसे रजिस्टर करें? ◆ वेबसाइट पर जाने के बाद आपको रजिस्टर्ड का एक ऑप्शन दिखेगा जिसके अंतर्गत आपको Farmers का चयन करना होगा । ◆ जैसे ही आप Farmer का चयन करते हैं आपके सामने एक छोटा सा रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलकर आ जाती है जिसमें आपको अपनी निजी जानकारी के साथ मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी दर्ज करनी होती है । ◆ दिए गए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर आपको इनाम पोर्टल की लॉगइन आईडी और पासवर्ड प्राप्त होती है जिसके बदौलत आप लॉगिन करके राष्ट्रीय कृषि मंडी का प्रयोग कर सकते हैं । स्त्रोत:- SarkariYojana 👉🏻प्रिय किसान भाइयों दी गयी उपयोगी जानकारी को लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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