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रबी फसलों के समर्थन मूल्य में हुई भारी वृद्धि!
🌿देश में रबी फसलों की बुआई का समय हो गया है, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए सभी प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी है।
🌿 एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी है। वहीं गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल, जौ और चने के लिए क्रमश:115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।
🌿MSP बढ़ने से किसानों को लागत पर कितना मुनाफा मिलेगा?
सरकार ने किसानों को लागत का 50 प्रतिशत से अधिक का मुनाफे के साथ समर्थन मूल्य जारी किए हैं। अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं के लिए 102 प्रतिशत, रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, मसूर के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 52 प्रतिशत है। रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
🌿फसलों की लागत में क्या–क्या जोड़ा गया है?
सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य उसकी लागत के अनुसार तय करती है। केंद्र सरकार ने सभी फसलों की औसत लागत को समर्थन मूल्य में जोड़ा है। जिसमें किराए के मानव श्रम, बैल श्रम / मशीन श्रम, भूमि में पट्टे के लिए भुगतान किया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई शुल्क जैसे सामग्री इनपुट के उपयोग पर किए गए खर्च, उपकरणों एवं कृषि संबंधी भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध खर्च और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य को शामिल किया गया है।
🌿स्रोत:- AgroStar
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