AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
यहां है एशिया का सबसे बड़ा फार्म, 400 एकड़ में होती है 16 प्रकार के फलों की खेती!
अंतरराष्ट्रीय कृषिTV9 Hindi
यहां है एशिया का सबसे बड़ा फार्म, 400 एकड़ में होती है 16 प्रकार के फलों की खेती!
👉क्या आप जानते हैं सीताफल के लिए एशिया में सबसे बड़ा फार्म कहां है, यह छत्तीसगढ़ में है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के धौराभाठा गांव में यह बना हुआ है. लगभग 400 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस फार्म में 16 प्रकार के फलों की ऑर्गेनिक खेत की जाती है. इस फार्म की शुरुआत अनिल शर्मा और वजीर लोहान ने साल 2014 में की थी। 👉अनिल शर्मा बताते हैं कि इस फार्म को शुरू करने के लिए उन्होंने 2005 में जमीन खरीदना शुरू कर दिया था. उस वक्त इस इलाके में जमीन सस्ती थी. फिर 2014 में जमीन को प्लेन करके खेत तैयार करना शुरू किया. फिलहाल इस फार्म में 16 प्रकार के फल उगाये जा रहे हैं। सीताफल उत्पादन के लिए एशिया का सबसे बड़ फार्म:- 👉यह फार्म सीताफल उत्पादन के लिए एशिया का सबसे बड़ा फार्म है. यहां पर 180 एकड़ में सीताफल की खेती की जाती है. इसके साथ ही अमरूद यहां पर लगे हुए. यह ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन के लिए भारत का सबसे बड़ा फार्म है. 25 एकड़ में दसहरी आम लगे हुए हैं. इसके अलावा चीकू, मौसमी, नींबू, समेत अन्य फलों के पेड़ लगाये हुए हैं। इस तरह आया खेती का आइडिया:- 👉अनिल शर्मा ने बताया कि उनके दादा जी किसान थे. पिता जी सरकारी शिक्षक थे और किसान थे. पर वो बिजनेस करते थे. उन्होंने बताया कि वो माइनिंग का बिजनेस करते हैं और देखते थे कि माइनिंग से प्रदूषण होता है. इससे वो यह हमेशा सोचते थे कि अगर कहीं भगवान है और धरती पर यह जीवन पूरा करके जाना है. ऐसे में अगर वो यह हमसे पूछेंगे की तुम्हें अच्छे काम करने के लिए धरती पर भेजा था तुमने क्या किया. इसलिए हमारे मन में यह बात चल रही थी कि अगर हम प्रजदूषण फैला रहे हैं तो इसको कम करने का उपाय भी करना चाहिए. इसलिए यहां पर डेढ़ लाख पेड़ लगाये हैं. ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। पौधे के बीच नहीं है अधिक दूरी:- 👉अमूमन दो आम के पेड़ों के बीच 30 फीट की दूरी होती है. पर यहां पर उससे नजदीक में आम के पेड़ लगाये हैं. इस पर अनिल शर्मा ने कहा कि किसानों को यह समझना होगा की जमीन घट रही है, बढ़ नहीं रही है, इसलिए पूरी जमीन का इस्तेमाल करना होगा. फार्म में सिर्फ आम ही नहीं जो भी पेड़ पौधे लगाये गये हैं वो 8X12 फीट की दूरी पर है. ताकि एक ट्रैक्टर जा सके. इस तरह से दो एकड़ में जितने पौधे लगने चाहिए थे वो उन्होंने एक एकड़ में लगा लिये हैं. ताकि कम जमीन में ज्यादा उत्पादन हासिल किया जा सके. इसके अलावा फार्म के अंदर इंटर क्रॉपिंग भी करते हैं। 👉फलों के अलावा यहां पर गिर प्रजाति के 150 के गाय भी पाले गये हैं. इनके चारे के लिए फार्म में ही गन्ना, मकई और नेपियर ग्रास की खेती की जाती है.साथ ही गाय के गोबर और गोमूत्र से जैविक खेती की जाती है। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉 प्रिय किसान भाइयों दी गई उपयोगी जानकारी को लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
19
1