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यहाँ इजरायल की तकनीक से तैयार होती है सब्जियों की पौध, किसानों को मुफ्त में मिलती है ट्रेनिंग!
अंतरराष्ट्रीय कृषिगांव कनेक्शन
यहाँ इजरायल की तकनीक से तैयार होती है सब्जियों की पौध, किसानों को मुफ्त में मिलती है ट्रेनिंग!
👉🏻किसान सब्जियों की खेती शुरू करते हैं, लेकिन कई बार जानकारी के आभाव में नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे किसान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में प्रशिक्षण ले सकते हैं, जहां पर सब्जियों के पौध तैयार किए जाते हैं और प्रशिक्षण भी दिया जाता है। 👉🏻यूपी के जिला कन्नौज मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर स्थित तहसील तिर्वा इलाके के उमर्दा के निकट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल स्थित है। इसे इजरायल की तकनीक पर बनाया गया। 👉🏻इसमें पॉलीहाउस, नेट हाउस व वॉक-इन-टनल के सहयोग से सब्जियों व फल की पौध बेमौसम तैयार की जाती है। ऑटोमेटिक मशीन से खाद, पानी आदि लगता है। इस सेंटर से प्रदेश के ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों के भी हजारों किसान जुड़े हैं, जो समय से पहले पौध ले जाकर फसल होने पर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। 👉🏻इसमें पॉलीहाउस, नेट हाउस व वॉक-इन-टनल के सहयोग से सब्जियों व फल की पौध बेमौसम तैयार की जाती है। ऑटोमेटिक मशीन से खाद, पानी आदि लगता है। इस सेंटर से प्रदेश के ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों के भी हजारों किसान जुड़े हैं, जो समय से पहले पौध ले जाकर फसल होने पर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। 👉🏻किस तरह से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल पर किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है और कैसे पौधे तैयार किए जाते हैं। इस बारे में केंद्र प्रभारी डॉ. डीएस यादव गांव कनेक्शन को बताते हैं, "भारत व इजरायल कृषि परियोजना के तहत 26 अक्तूबर वर्ष 2018 को मुख्यमंत्री ने इसका शुभारंभ किया गया था। यहां किसानों को प्रशिक्षण, भ्रमण व पौध तैयार करने का काम होता है। यह हाईटेक पौधशाला है जो 1152 वर्गमीटर में बनी है। एक साल में 10 लाख पौधे तैयार होते हैं। पूरी क्षमता से पौध उत्पादन होता है। कृषकों को गुणवत्ता युक्त पौध देना पड़ता है।" किसानों को ट्रेनिंग, रहना-भोजन भी फ्री:- 👉🏻केंद्र प्रभारी का कहना है कि "किसानों को एक से तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी देते हैं, जो निशुल्क होते हैं। प्रशिक्षण केंद्र के जरिए किसानों को रहने व खाना फ्री मिलता है। कृषि, उद्योग, नाबार्ड या एनजीओ आदि से भी प्रशिक्षण मिलता है। जानकारी देने के लिए बाहर के विश्वविद्यालय से भी वैज्ञानिक आते हैं। हम लोग किसानों को बाजार में बिक्री तक सपोर्ट करें। किसान को नुकसान न हो, अधिक से अधिक लाभ मिले। पैकेट, ग्रेडिंग व मार्केटिंग तक में सहयोग करते हैं। इन दिनों मिर्च, टमाटर, बैंगन, करेला फूलगोभी, पत्तागोभी, लौकी, तोरई, शिमला मिर्च आदि की पौध अधिक है। केंद्र से फिलहाल पांच हजार किसानों का सीधा जुड़ाव है।" स्रोत:- Gaon Connection, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। इस वीडियो में दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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