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मूंग की खेती के लिए खेत की तैयारी एवं बीज दर!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
मूंग की खेती के लिए खेत की तैयारी एवं बीज दर!
👉🏻किसान भाइयों गर्मियों में विभिन्न किस्मों की दलहन की फसलों में मूंग की खेती का विशेष स्थान है। मूंग या समर मूंग की खेती के फायदों को देखते हुए कृषि विभाग किसानों को इस फसल की खेती करने की सलाह देता है। इसकी खेती करने से अतिरिक्त आय, खेतों का खाली समय में सदुपयोग, भूमि की उपजाऊ शक्ति में सुधार, पानी की सदुपयोग आदि के कई फायदे बताए गए है। उन्नतशील तथा संकर किस्में:- 👉🏻के 851, पूसा बैसाखी (टाइप 44), सीड प्रो ग्रीन प्राइड, ईगल पीडीएम 139 आदि बिजाई का समय:- 👉🏻बिजाई का उत्तम समय मार्च का महीना होता है, लेकिन मूंंग गेहूं कटाई के बाद 15 से 20 अप्रैल तक भी बोया जा सकता है। बीज की मात्रा व बिजाई:- 👉🏻गर्मियों में 10-12 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ में डालना चाहिए। इस फसल की बिजाई के लिए फासला 20-25 सेमी० रख कर बिजाई करने से जमाव ठीक होता है। बीज का उपचार:- 👉🏻अन्य दलहनी फसलों की तरह समर मूंग के बीज को भी जड़ गलन रोग से बचाव के लिए प्रति किलोग्राम बीज में दो ग्राम कार्बेन्डाजिम लगाकर बोएं। इसके बाद राइजोबियम कल्चर से उपचारित करना अति आवश्यक होता है। कल्चर के उपचार के लिए 50 ग्राम गुड़ को 250 मिली लीटर पानी में घोलकर बीजों पर छिड़क देने से बीज के दाने चिपचिपे हो जाते है। बीजों के चिपचिपे दानों के ऊपर कल्चर को छिड़ककर हाथ से अच्छी तरह से मिला दें। जिससे प्रत्येक दाने पर कल्चर चिपक जाए। इसके बाद बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करनी चाहिए। ] \ स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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