आज का सुझावएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
मूंगफली की फसल में गोजालट का बुवाई के पूर्व नियंत्रण!
यह कीट जून जुलाई में पहले बारिश से मिट्टी में से निकलता है। यह कीट आस पास के वृक्ष जैसे कि बेर, नीम, अमरूद, अंगूर की बेल और बादाम आदि पर इकट्ठा होते हैं और रात को पत्तों को खाती है।यह मिट्टी में अंडे देती हैं और उनमें से निकली सफेद सूंडी मूंगफली की छोटी जड़ों या जड़ों के बालों को खा जाती हैं।
कीट नियंत्रण:-
1. मूँगफली की खेती के गर्मियों मे 8-10 इंच गहरी जुताई करें ताकि खेत की मिट्टी से कीटों के अंश को कड़ी धूप द्वारा नस्ट किया जा सके।
2. मूँगफली के स्वतः उगे हुये पौधों, फसल अवशेषों तथा खरपतवार को नष्ट करें।
3. बुवाई के 15 दिनों पहले खेत में 100 किलोग्राम नीम की खली प्रति एकड़ मिलाएँ।
4. बुवाई वर्षा के मौसम में प्रथम वर्षा के बाद जल्द करें।
5. इस कीट से आर्थिक हानि होने के लिए क्षति सीमा स्तर 1 गिडार प्रति वर्ग मीटर माना गया है।
6. इस कीट के प्रकोप को कम करने के लिए मूँगफली के साथ तुलसी, सौंफ, अरंडी, सूरजमुखी, मक्का अन्तः फसल के रूप मे करना चाहिए।
7. इस कीट के प्रौढ़ (सफेद लट) को यथा संभव इकट्ठा कर नष्ट कर देना चाहिए।
8. गोजालट के नियंत्रण में बीज को बिजाई करने से पहले डेंन्टासु दवाई 100 ग्राम प्रति एकड़ दर से उपचारित करें।
9. कार्बोफ्यूरान 3% सी.जी. 12-14 किलोग्राम की दर से प्रति एकड़ बुवाई से पहले खेत में बिखेरना भी इस कीट के नियंत्रण में प्रभावी पाया गया है।
10. फसल पर कीट के प्रकोप आर्थिक नुकसान पर क्लोरोपायरीफॉस दवाई 1लीटर प्रति एकड़ पानी में मिलाकर जमीन में दें।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
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