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मूंगफली की फसल में उर्वरक प्रबंधन!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
मूंगफली की फसल में उर्वरक प्रबंधन!
👉 मूंगफली की अच्छी पैदावार लेने के लिए उर्वरकों का प्रयोग बहुत आवश्यक है। यह उचित होगा कि उर्वरकों का प्रयोग भूमि परीक्षण की संस्तुतियों के आधार पर किया जाय। 👉 यदि परीक्षण नहीं कराया गया है तो नत्रजन 20 किलोग्राम, फास्फोरस 30 किलोग्राम, पोटाश 45 किलोग्राम (तत्व के रूप में) जिप्सम 250 किलोग्राम एवं बोरेक्स 4 किलोग्राम, प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग किया जाय। 👉 फास्फेट का प्रयोग सिंगिल सुपर फास्फेट के रूप में किया जाय तो अच्छा रहता हैं यदि फास्फोरस की निर्धारित मात्रा सिंगिल सुपर फास्फेट के रूप में प्रयोग की जाय तो पृथक से जिप्सम के प्रयोग की आवश्यकता नहीं रहती हैं नत्रजन की आधी मात्रा एवं फास्फोरस और पोटाश खादों की सम्पूर्ण मात्रा तथा जिप्सम की आधी मात्रा कूड़ों में नाई अथवा चोगें द्वारा बुवाई के समय बीज से करीब 2-3 सेमी० गहरा डालना चाहिए। 👉नत्रजन एवं जिप्सम की शेष आधी मात्रा तथा बोरेक्स की सम्पूर्ण मात्रा फसल की 3 सप्ताह की अवस्था पर टाप ड्रेसिंग के रूप में बिखेर कर प्रयोग करें तथा हल्की गुड़ाई करके 3-4 सेमी० गहराई तक मिट्टी में भली प्रकार मिला दें। स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। यदि दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी, तो इसे लाइक👍🏻करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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