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मूंगफली का भंडारण करते समय रखी जाने वाली सावधानियां!
सलाहकार लेखकिसान समाधान
मूंगफली का भंडारण करते समय रखी जाने वाली सावधानियां!
किसान भाइयों मूंगफली में उचित भंडारण और अंकुरण क्षमता बनाये रखने के लिए खुदाई पश्चात् सावधानीपूर्वक सुखाना चाहिए। भंडारण के पूर्व पके हुये दानों में नमीं की मात्रा 8 से 10% से अधिक नहीं होना चाहिए। अन्यथा नमीं अधिक होने पर मूंगफली में एस्परजिलस प्लेक्स फफूंद द्वारा एफलाटाक्सिन नामक विषैला तत्व पैदा हो जाता है जो मानव व पशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यदि मूंगफली को तेज धूप में सुखाये तो अंकुरण क्षमता का हा्रस होता है। अंकुरण क्षमता को बनाये रखने के लिए:– 👉🏻उपयुक्त नमीं होने पर ही मूंगफली को जमीन से निकाले। 👉🏻मूंगफली को भूमि से उखाड़ने के बाद इसके पौधों को उल्टा करके, छोटे-छोटे गट्ठर बनाकर 👉🏻👉🏻फलियाँ हमेंशा धूप की तरफ होना चाहिए। 👉🏻पूर्णतया सूखी फलियों को हवादार स्थान में भण्डारित करना चाहिए। जहाँ पर नमीं ग्रहण नहीं कर सकें या फिर प्रत्येक बोरे में कैल्शियम क्लोराइड़ 300 ग्राम प्रति 40 कि.ग्रा. बीज की दर से भंडारण करें। 👉🏻भण्डारण के समय हानि पहुँचाने वाले कीट पतंगो से सुरक्षा रखें, जिससे भंण्डारण के समय फलियाँ खराब नहीं हो।
स्रोत:- कृषि जागरण, प्रिय किसान भाइयों दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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