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मिर्च में पत्ती मरोड़ समस्या और समाधान!
🌱आज कल मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग की समस्या ज्यादा तर देखने को मिल रही है इसको किसान कैसे आसान तरएके से पहचान सके और निवारण के बारे में जानेंगे:-
●मिर्च में पत्ती मरोड़ रोग थ्रिप्स और माइट जैसे कीटों के कारण होता है। इस रोग के फैलने का मुख्य कारण हैं सफेद मक्खियां, जो इस रोग को एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलाने का काम करती हैं।
👉इस रोग में मिर्च की पत्तियां सिकुड़ कर ऊपर या नीचे की तरफ मुड़ जाती हैं।
●थ्रिप्स के कारण पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं।
●माइट के प्रकोप से पत्तियां नीचे की तरफ मुड़ने लगती हैं।
रोग बढ़ने पर पौधों का विकास रुक जाता है। फलस्वरूप मिर्च की पैदावार में कमी आ जाती है।नए उत्पन्न होने वाले पत्ते आकार में बहुत छोटे और घने होते हैं। लीफ कर्ल रोग से संक्रमित पौधा मुरझा जाता है।
👉मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग का नियंत्रण कैसे कर सकते है:-
लीफ़ कर्ल वायरस की रोकथाम या उसका संक्रमण कम करने के लिए कोई ज्ञात प्रभावी तरीके नहीं हैं।
●रोग से ग्रसित पौधों को नष्ट कर देना चाहिए।
●सफेद मक्खियों पर नियंत्रण के लिए एग्रोस्टार एडोनिक्स पाइरिप्रोक्सीफेन 5% + डायफेंथियुरोन 25% एसई संघटनयुक्त 400-500 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिला कर फसल में छिड़काव करें।
●थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए एग्रोनिल-एक्स (फिप्रोनिल 5% एससी) को 400 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिला कर फसल में छिड़काव करें, या फिर एग्रोस्टार किल-एक्स (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC ) को 80 -100 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिला कर फसल में छिड़काव करें यदि मिर्च के पौधों पर माइट का प्रकोप हुआ है तो एग्रोस्टार सिकंदर स्पाइरोमेसिफेन 22.9% एससी संघटनयुक्त 200 मिली प्रति एकड़ फसल में 150-200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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