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मानसून बारिश ना होने पर निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
मानसून बारिश ना होने पर निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए
1) फसल विकास के अवस्था में पानी की पूर्ति के लिए व्यवस्था रखें। संभवतः पानी का हवा की गति कम होने पर दिया जाना चाहिए। सुबह या शाम को फसलों को पानी दें। 2) पानी की उपलब्धता होने पर ड्रिप सिंचाई या फुवारा सिंचाई का उपयोग किया जाना चाहिए। ट्युबवेल, कुँवा, कनाल नहेर के द्वारा कुशलता से पानी का उपयोग करें। 3) फसलों की अवस्था ध्यान में रखकर हलकी से निराई गुड़ाई करे और हल्के नाले बनाएं और फसलों को मिट्टी के साथ भरें।खरपतवार का नियंत्रण समय रहते करे । 4) फसलों की दो पंक्तियों में मल्च का प्रयोग करें। 5) कीट और रोग प्रबंधन एक एकीकृत तरीके से किया जाना चाहिए। कार्बनिक और जीवाणु उर्वरकों का उपयोग पानी को पकड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
6) फल बागानों में रोगग्रस्त शाखाओं को हटाकर और खरपतवारों का प्रबंधन करके बोर्डोमिक्सचर 1 प्रतिशत स्प्रे करें और फलों के बगीचे में मल्च का भी उपयोग करें। 7) वाष्पीकरण को कम करने के लिए, गन्ना में 2 से 3 टन गन्ने के मलबे का आवरण करे। पाचन के कायाकल्प के लिए 8 किलो यूरिया 10 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट और बैक्टीरिया के 1 किलो बैक्टीरिया अवरोध का उपयोग करें। 8) वाष्पीकरण को कम करने के लिए, कुलीन के अनुसार 7% पत्तों पर छिड़काव करें। एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
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