गुरु ज्ञानAgrostar
मसूर को माहू कीट से बचाएं कृषि विशेषज्ञ की सलाह अपनाये!
👉मसूर की फसल में तापमान सामान्य से अधिक होने की स्थिति में ही माहू कीट का प्रकोप होता है।
यह कीट पौधों के तने, पत्तियों और फलियों का रस चूस कर फसल को नष्ट कर देता हैं जिससे पैदावार में 70-80 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है।
मसूर को माहू कीट से बचाएं कृषि विशेषज्ञ की सलाह अपनाये!
लक्षण
👉यह काले रंग का छोटा सा कीट होता है। जो पौधों के कोमल पत्तियों, फूल, फलियों एवं तने में झुण्ड में चिपका दिखाई देता हैं और यह पौधे का रस चूस कर पौधे को कमजोर करता है।
👉जिससे पौधें मुरझा कर सूख जाते है फलियॉ सिकुड़ जाती है और फलियों में दानें नहीं बनते है। जिस कारण उत्पादन में कमी आ जाती है।
प्रबंधन
👉इसके नियंत्रण के लिए मेंटो (इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्लूजी) नामक कीटनाशक दवा की 0.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिए।
👉समय-समय पर खरपतवार नियंत्रण करना चाहिए।
👉पौधे के जिस भाग में माहू की समस्या दिखे उसे नष्ट कर दें।
👉माहू मधुस्त्राव करती है जिसको चीटियॉ खाती है और माहू को किसान मित्र कीट से बचाती है। इसलिए चिटियों को नष्ट कर देना चाहिए।
👉नाइट्रोजन खाद का उपयोग कम करें।
👉10 से 12 दिन पश्चात यह छिड़काव दुबारा करें।
👉स्त्रोत:-Agrostar
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