AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
मक्का में फॉल आर्मी वर्म की पहचान और प्रभावी नियंत्रण!
गुरु ज्ञानAgrostar
मक्का में फॉल आर्मी वर्म की पहचान और प्रभावी नियंत्रण!
🌽किसान मित्रों मक्के की फसल में बुवाई से लेकर फसल की कटाई तक कई प्रकार के कीटों का प्रकोप होता है. लेकिन पिछले कई सालों से देश की कई हिस्सों में खरीफ मक्का में फॉल आर्मी वर्म का अधिक प्रकोप दिखाई दे रहा है. इसका अधिक प्रकोप होने पर फसल को एक ही रात में भारी नुकसान पहुंच सकता है. इसी वजह से इसका नाम सैनिक कीट है. इस कीट की मादा मोथ पौधों की पत्तियों और तनों पर अंडे देती है. एक बार में मादा 50 से 200 अंडे देती है. मादा अपने 20-21 दिनों के जीवन काल में 10 बार यानी 1700-2000 तक अंडे दे सकती है। 🌽ये अण्डे 3 से 4 दिन में फूट जाते हैं. इनसे जो इल्ली🐛निकलती है वो 14 से 22 दिन तक इस अवस्था में रहते हैं. कीट के लार्वा के जीवन चक्र की तीसरी अवस्था तक इसकी पहचान करना मुश्किल है लेकिन इल्ली की चौथी अवस्था में इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. 🌽चौथी अवस्था में इल्ली🐛के सिर पर अंग्रेजी के उल्टे ‘वाई’ आकार का सफेद निशान दिखाई देता है. यह इल्ली🐛पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाती है जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं. जैसे-जैसे लार्वा बड़ा होता है, पौधों की ऊपरी पत्तियों को खाता है और बाद में पौधों के भुट्टे में घुसकर अपना भोजन प्राप्त करता है. पत्तियों पर बड़े गोल-गोल छिद्र नजर आते हैं. लार्वा द्वारा त्यागा मल भी पौधों की पत्तियों पर नजर आता है। 👉फसल के लिए लारवल अवस्था हानिकारक होती है. परन्तु कीट के सम्पूर्ण नियंत्रण हेतु इसके जीवन काल की हर अवस्था को नष्ट करना जरूरी है. इस कीट के सम्पूर्ण नियंत्रण हेतु निम्न प्रकार से करें- ◾फसल की देरी से बुवाई न करें एवं पूर्व फसल के सभी प्रकार के अवशेषों को नष्ट करें या खेत से निकालें। ◾भूमि की गहरी जुताई करें ताकि कीट की इल्ली अवस्था या कोष भूमि में गहरा दब जाए। ◾संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें. नत्रजन का प्रयोग अधिक ना करें। ◾बीजों को सायनांट्रानिलिप्रोल 8 प्रतिशत या थायोमेथोक्साम 19.8 प्रतिशत 4 मि.ली./किग्रा. बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें। ◾कीट की इल्ली की अवस्था पर नियंत्रण हेतु इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG की 0.5 ग्राम या स्पीनोसेड़ 45 SC की 0.3 मिली या थायोमेथोक्सोम 12.6% + लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.5% ZC की 0.8 मिली या क्लोरेण्ट्रानिलिप्रोल 18.5% SC की 0.3 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर दे। 👉स्रोत:-AgroStar, किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
1
0