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भैंसों में पोषण और दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए आहार व्यवस्था
पशुपालनसकाळ
भैंसों में पोषण और दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए आहार व्यवस्था
अधिक उत्पादन क्षमता के कारण भैंस अन्य जानवरों के मुकाबले अधिक लाभदायक है। भैंस के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है। खेत में बची हुई सामग्री जैसे भूसा, टहनियाँ आदि पर प्रक्रिया करके इससे अच्छा चारा बनाया जा सकता है और भैंस के आहार में इस्तेमाल किया जा सकता है। भैंस की मुख्य रूप से तीन नस्लें पाई जाती हैं। इन तीनों नस्लों में अन्य भैंसों की तुलना में अधिक दूध उत्पादन और काम करने की क्षमता अधिक होती है।
भैंसों की व्यवस्था भैंसों की त्वचा पर पसीने वाली ग्रंथियां बहुत कम हैं, इसलिए उन्हें अपने शरीर के तापमान को सही रखने के लिए कठोर(तेज) सूरज की रोशनी से बचाया जाना चाहिए। पशु शेड को एक ऊंचे और अच्छी हवादार जगह पर बनाया जाना चाहिए। शेड में पानी और मलमूत्र के लिए उचित निकास के लिये नालिया होनी चाहिए। इसके लिए शेड में एक ढलान बनाएं। आम तौर पर एक भैंस के लिए 2.5 x 4 मीटर का एक क्षेत्र पर्याप्त होता है। बारिश के समय पर,भैंसों को एंथ्रेक्स, डिप्थीरिया, आदि जैसे संक्रामक रोगों के लिए टीका लगाना चाहिए। खुरपका – मुहंपका रोग के लिए टीकाकरण एक वर्ष में दो बार किया जाना चाहिए। भैंसों का आहार भैंस कम गुणवत्ता वाला चारा जैसे चोकर, सूखी घास, भुसा और पोषक तत्वों को अवशोषित कर सकती हैं और उन्हें दूध में परिवर्तित कर सकती हैं।  भैंस इस चारो में से आवश्यक प्रोटीन, खनिज और अन्य तंतुओं को प्राप्त करती हैं। मूंगफली का केक, कपास बीज का केक आदि भैंसों के लिए अधिक उपयोगी होते हैं।  गेहूं की चोकर के साथ भैंसों को बरसीम घास खिलाएं तो उनकी पाचन शक्ति बढ़ जाती है। इस तरह के चारो में प्रोटीन और खनिजों को पचाने की उनकी क्षमता बढ़ जाती है। उपलब्ध चारे और अनाज का उपयोग करके भैंसों की उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है। घर पर चारा बनाने के लिए, लगभग 30-40% मक्का, ज्वार इत्यादि जैसे अनाज, कोई भी उपलब्ध केक 25-30%, दाल मिश्रण 30-35% और 2% खनिज मिश्रण और 1% नमक को इसमें मिला लें। यह खुराक शरीर की गतिविधियों के लिए 3 किलोग्राम और अतिरिक्त 1 किलोग्राम / 2 लीटर दूध के लिए दें। आम तौर पर 8 % वसा की मात्रा वाला 7 लीटर दूध देने के लिए 450 किग्रा वजन वाली एक भैंस को 7 किग्रा भूसा, 4 किग्रा कपास का बीज, आधा किग्रा ज्वार का मिश्रण और 30 ग्राम खनिज मिश्रण का आहार देना चाहिए जिससे उनके पोषक तत्वों की आवश्यकता पूरी हो सके । तब भैंस लगातार दूध उत्पादन देती है। यदि पोषक तत्व सही मात्रा में दिये जाएं, तो भैंस सही समय पर गर्मी में आती हैं और प्रजनन में कोई समस्याएँ नहीं होती है। संदर्भ- सकाल 26 सितम्बर 17
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