AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
भारत में धूम मचा रही है यह सब्जी, आप भी कर सकते हैं इसकी खेती!
नई खेती नया किसानTV9
भारत में धूम मचा रही है यह सब्जी, आप भी कर सकते हैं इसकी खेती!
👉देश के किसान अब अधिक से अधिक नकदी फसलों की खेती की तरफ जा रहे हैं. इसमें कम समय में अधिक कमाई करने का अवसर मिलता है. यहीं कारण है कि सब्जियों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में जारी हुए कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया है कि देश में बागवानी फसलों का उत्पादन तेजी से बढ़ा है और किसान इससे सीधे लाभांवित हो रहे हैं। 👉अब किसान सिर्फ देसी सब्जी की खेती ही नहीं कर रहे हैं बल्कि विदेशी किस्मों पर भी हाथ आजमा रहे हैं. भारत में इस वक्त ब्रोकली की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. काफी गुणकारी होने के कारण ब्रोकली की मांग शहरी बाजारों में ज्यादा है और इसका लाभ खेती करने वाले किसानों को मिल रहा है। ब्रोकली की खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान:- 👉ब्रोकली की खेती के लिए 18 से 23 डिग्री के बीच का तापमान बेहतर माना जाता है. पूसा ब्रोकली, केटीएस01, पालम समृद्धि, पालम कंचन और पालम विचित्रा भारत में उगाई जाने वाली ब्रोकली की प्रमुख प्रजातियां हैं. आप चाहें तो संकर किस्म की खेती भी कर सकते हैं। 👉इसे कई तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी उपज के लिए उच्च कार्बनिक पदार्थ वाली रेतीली दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्रोकली की खेती करने के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 6.5 के बीच होना चाहिए. रोपाई से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है। 👉अगर ज्यादा पैदावार चाहते हैं तो आप 25-30 दिन पहले गोबर का खाद डाल दें. मिट्टी की जांच करा लेना ज्यादा सही रहता है. जांच में अगर किसी पोषक तत्व की कमी नजर आए तो उसे पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। 👉अगर आप एक हेक्टेयर खेत में ब्रोकली बोना चाहते हैं तो आपको 400 से 500 ग्राम बीज की जरूरत होगी. सामान्य गोभी की तरह ही पहले ब्रोकली की नर्सरी तैयार होती है और फिर इसकी रोपाई की जाती है। 👉पौधशाला में इसकी बुवाई का समय सितंबर से लेकर अक्टूबर तक का है. यानी अभी आपके पास इसकी खेती की तैयारी करने के लिए अच्छा खासा वक्त है. पौधशाला में बुवाई के बाद गोबर की खाद और मिट्टी को आपस में अच्छे से मिलाकर बीज को ढ़क दें और फिर सिंचाई करें। लगातार दो साल एक ही खेत में न करें ब्रोकली की खेती:- 👉पौध तैयार होने के बाद पहले से तैयार खेत में ले जाकर रोप दें. रोपाई के समय कतार से कतार की दूरी 45 सेंटी मीटर और पौध से पौध के बीच का फासला 30 सेंटी मीटर रखना होगा. एक हेक्टेयर खेत के लिए 100 किलो नाइट्रोजन, 50 किलो पोटेशियम और 60 किलो फॉस्फोरस की जरूरत होती है। 👉अगर सिंचाई की बात करें तो आम तौर पर 10 से 12 दिन के अंतराल पर ब्रोकली को पानी देना होता है. पहली दो सिंचाई के बाद निराई-गुड़ाई कर के खर-पतवार जरूर निकाल दें. इनकी खेती वाले खेत को साफ रखना जरूरी होता है। 👉कृषि वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि जिस खेत में पिछले साल ब्रोकली लगा चुके हैं, उसमें इस साल इसे न लगाएं. ऐसा देखा गया है कि पुरानी फसल के अवशेष अलग-अलग तरह के कीटों को शरण देते हैं और उसी खेत में फिर से बुवाई करने पर पैदावार पर असर पड़ता है। 👉ब्रोकली में फल जब सामान्य आकार हो जाए तब इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए. देर करने से इसमें दरारें पड़नी शुरू हो जाती हैं. आम तौर पर 60 से 65 दिनों में फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ब्रोकली का भंडारण रेफ्रिजरेटर में 4 से 6 डिग्री तापमान पर करना चाहिए. ज्यादा लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए ब्रोकली को प्लास्टिम में लपेटकर फ्रिज में रख सकते हैं। स्रोत:- TV9 Hindi, 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
8
3