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भारतीय किसान ऑस्ट्रेलिया में खेती कर बन रहे करोड़पति!
👉🏻भारत में किसान आंदोलत एक बार फिर से ऊफान पर है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में करीब 40 हजार किसानों के पहुंचने के बाद एक बार फिर से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर किसानों के साथ इंसाफ कौन करेगा। किसान संगठनों का दावा है कि उनके साथ हमेशा से धोखा होता रहा है। भारत में किसान होना एक अभिशाप हो गया है। हालांकि इस तस्वीर के उलट एक कहानी और भी है। जिसमें भारत में शहरों में लोग अपनी जमीन का छोटा सा टुकड़ा बेचकर दूसरे देशों में सैकड़ों एकड़ के किसान बन रहे हैं। ये कहानी पंजाब के किसानों की है।
👉🏻ये लोग पंजाब में अपने छोटे-छोटे प्लॉट बेचकर ऑस्ट्रेलिया में लैंडलॉर्ड बन गए। उनके खेतों पर अब छोटे-मोटे ट्रैक्टर नहीं, बल्कि सैटेलाइट की मदद से चलने वाली मशीनें काम करती हैं। कीटनाशकों का छिड़काव भी हाथ से चलने वाली मशीनों के मुकाबले हवाई जहाज से होता है। आपके पास भी अगर इन्वेस्ट करने के लिए ठीक-ठाक रकम है और खेती की जमीन खरीदने में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो ऑस्ट्रेलिया के खेत आपका इंतजार कर रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि आप भारत से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर कैसे पूरा कर सकते हैं....
ऑस्ट्रेलिया में 80 फीसदी एग्रीकल्चर लैंड अनयूज्ड:-
-ऑस्ट्रेलिया भारत से क्षेत्रफल में लगभग ढाई गुना है और जनसंख्या भारत का केवल 7 फीसदी है।
-ऑस्ट्रेलिया में लगभग 80 फीसदी एग्रीक्ल्चर लैंड अनयूज्ड है और खेती करने को किसान कम हैं।
-ऐसे में सरकार खुद चाहती है कि वहां इतने बड़े लैंड बैंक को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाए।
-सरकार बाकायदा वहां पर विदेशी किसानों को खेती की जमीनों की रजिस्ट्री कर रही है।
-ऑस्ट्रेलियन सरकार विदेशी किसानों को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर हर सुविधा मुहैया करा रही है।
भारतीय किसानों की है अपनी कम्युनिटी:-
-ऑस्ट्रेलियन सरकार की इस पहल को जानकार अब से करीब 7 साल पहले पंजाब से किसानों ने वहां जाना शुरू किया था।
-सबसे पहले चंडीगढ़ निवासी पुनीत भल्ला ने शहर के पास 2.5 करोड़ रुपए में एक प्लॉट और गांव की दो एकड़ भूमि बेची थी।
-इसे बेचकर भल्ला परिवार ने ऑस्ट्रेलिया के किंगलेक इलाके में 400 एकड़ एग्रीकल्चर लैंड खरीदकर खेती शुरू कर दी।
-इसके बाद उन्होंने वहां और इन्वेस्ट किया और मौजूदा समय में उनके पास ऑस्ट्रेलिया में 1200 एकड़ एकड़ एग्रीकल्चर लैंड है।
-तब से अब तक पंजाब और हरियाणा से तकरीबन 14 हजार किसानों ने ऑस्ट्रेलिया में एग्रीकल्चर लैंड खरीदी है।
-साउथ ऑस्ट्रेलिया में भारतीय किसानों की सिंह डॉट नाम से अपनी कम्युनिटी बनी हुई है, जिसके हजारों सदस्य हैं।
एक एकड़ के बदले सैकड़ों एकड़:-
- दरअसल, ऑस्ट्रेलियन सरकार वहां हिंटरलैंड (आंतरिक इलाके) की जमीन विदेशी किसानों को बेच रही है।
- इस तरह की जमीन को खेती के लिए कभी इस्तेमाल नहीं किया गया, लेकिन यह बेहद उपजाऊ जमीन मानी जाती है।
- पुनीत भल्ला व अन्य किसानों ने वहां पर महज 35 हजार प्रति एकड़ की दर से भूमि खरीदनी शुरू की थी।
- हालांकि, अब वहां भी एग्रीकल्चर लैंड के दामों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भारत की तुलना में अब भी वहां बहुत कम दाम हैं।
- भारत के किसी भी इलाके में एग्रीकल्चर लैंड की बात करें तो बंजर भूमि भी एक एकड़ कम से कम 10 लाख रुपए में मिलेगी।
- लेकिन अब भी क्विन्सलैंड इलाके में खेती के लिए 1 से 1.5 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से एग्रीकल्चर लैंड बिक रही है।
अपनी जमीन अपने दाम:-
- भारतीय किसानों के लिए ऑस्ट्रेलिया में खेती करना अन्य देशों से काफी अलग है, क्योंकि यहां आप जमीन खरीद सकते हैं।
- कॉन्ट्रैक्ट पर खेती कनाडा, मोजांबिक आदि देशों में भी की जा रही है, लेकिन वहां आप अपना कंस्टक्शन नहीं कर सकते हैं।
- लेकिन ऑस्ट्रेलिया में आप अपनी लैंड पर किसी भी प्रकार का टेंपरेरी या परमानेंट कंस्ट्रक्शन करके रह सकते हैं।
- बाकी देशों में आप उन देशों की सरकारों की शर्तों पर खेती करेंगे लेकिन यहां आप कभी भी जमीन अपने दामों पर बेच सकते हैं।
- मोजांबिक और कनाडा से इन्हीं सब की वजह से पिछले सालों में हजारों किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग छोड़कर आ चुके हैं।
- ऑस्ट्रेलियन सरकार चूंकि किसानों को अपने नेटवर्क में जोड़ती है तो उन्हें फसली बीमा आदि की सभी सुविधाएं दी जाती हैं।
10 एकड़ भी खरीद सकते हैं जमीन:-
- बहुत से लोग इन्वेस्ट करने के लिए खेती की जमीन को भी चुनते हैं तो ऑस्ट्रेलिया उनके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
- ऑस्ट्रेलिया में पैर जमाने के लिए ऐसा नहीं कि करोड़ों रुपए से शुरुआत करनी हो बल्कि चंद लाख रुपए से भी शुरुआत हो सकती है।
- वहां भारतीय किसानों की मदद से छोटे एग्रीकल्चर लैंड 10 एकड़ तक भी मिल जाएगी और आप उनकी मदद से खेती कर सकते हैं।
- पंजाब के बहुत-से छोटे किसान वहां पर इसी तरह या तो खुद खेती करते हैं या फिर जमीन को कॉन्ट्रैक्ट पर दिया हुआ है।
पीएयू से लीजिए ट्रेनिंग:-
- पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी देशों में खेती के लिए कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- दरअसल, वहां जलवायु और तकनीक को लेकर जानकारी दी जाती है जिससे किसानों को कोई परेशानी न हो।
- अत्याधुनिक मशीनों को चलाने और समझने के लिए पीएयू ऑस्ट्रेलिया के संस्थानों से मिलकर कोर्स चला रही है।
- पीएयू ऑस्ट्रेलिया में फ्लोरीकल्चर और होर्टिकल्चर फसलों की खेती के लिए भी ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रही है।
दाल उगाने के लिए बेहतर ऑप्शन:-
-अगर आप ऑस्ट्रेलिया में कॉन्ट्रैक्ट या जमीन खरीदकर खेती करने के इच्छुक हैं तो भारत सरकार के नियम मददगार साबित हो सकते हैं।
-मौजूदा समय में भारत में दालों के दाम अधिक होने से सरकार विदेशों में दाल उगाकर भारत में इम्पोर्ट कराना चाहती है।
-ऐसे में आप ऑस्ट्रेलिया में खेती कर दाल उगाकर वहां से भारत को एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं।
-ऑस्ट्रेलिया में चने की अच्छी पैदावार होती है और देश में चने के भाव हाई हैं ऐसे में यह फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
-ऑस्ट्रेलिया में फल और सब्जी उगाने के लिए भी बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं इसलिए आप इस दिशा में सोच सकते हैं।
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स्रोत:- Agrostar,
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