कृषि वार्ताTV 9 Hindi
बड़ी खबर: 27 कीटनाशक होंगे बंद!
👉🏻देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने को लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए केमिकल कीटनाशकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. कीटनाशक ऐसे होते हैं जो कीटों के नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ मित्र कीटों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. कीटनाशक के इस्तेमाल से हो रहे नुकसान को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय 27 कीटनाशकों पर प्रस्तावित प्रतिबंध पर विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों पर इस सप्ताह विचार कर सकता है. हालांकि उद्योग विशेषज्ञों को संदेह है कि मंत्रालय में अधिकारियों के बदलने के बाद तत्काल कोई फैसला होगा या नहीं, क्योंकि हाल ही में मंत्रालय के अधिकारियों को बदल गया है. सूत्रों ने बताया कि कृषि मंत्रालय राजेंद्रन समिति की रिपोर्ट के संबंध में प्रस्तावित प्रतिबंध पर अंतर-मंत्रालयी चर्चा कर सकता है।
👉🏻सरकार ने 27 कीटनाशकों एसेफेट, एट्राजीन, बेनफुराकार्ब, ब्यूटाक्लोर, कैप्टन, काबेंडाज़िन, कार्बोफुरन, क्लोरपाइरीफॉस, डेल्टामेथ्रिन, डाइकोफोल, डाइमेथोएट डाइनोकैप, डाययूरॉन मैलाथियान, मैंकोज़ेब, मेथिमाइल, मोनोक्रोटोफ़ोस, ऑक्सीफ्लोरफेन, पेंडिमेथालिन, क्विनालफ़ोस, सल्फ़ोसल्फ्यूरॉन, थियोडिकार्ब, थियोफ्रेंट मिथाइल, थिरम, जिनेब और ज़िरम को बैन करने का फैसला किया है इसे लेकर मई 2020 में निषेध के संबंध में हितधारकों से आपत्तियों और सुझावों को आमंत्रित करते हुए एक मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की थी।
विशेषज्ञ समिति का किया गया था गठन:-
👉🏻हालांकि, हितधारकों के अनुरोध और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हस्तक्षेप पर, आपत्तियां और सुझाव प्राप्त करने की समय सीमा 45 दिनों से बढ़ाकर 90 दिन कर दी गई थी. बाद में जनवरी 2021 में, मंत्रालय ने सुरक्षा, विषाक्तता, प्रभावकारिता से संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आपत्तियों और सुझावों पर विचार करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्व सहायक महानिदेशक टीपी राजेंद्रन के तहत एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया. समिति को इस पर आवश्यक अध्ययन करने के बाद अपडेटेट डाटा पेश करने के लिए कहा गया था. साथ ही कहा गया गया था कीटनाशकों को बैन करने के लिए क्या तकनीकी और वैज्ञानिक आवश्यकताएं है और इसके लिए कौन सा सुरक्षित विकल्प उपलब्ध है. समिति से यह भी पता लगाने के लिए कहा गया था कि अन्य देशों में इन कीटनाशकों के प्रतिबंध की क्या स्थिति है और किसानों में हित में यह है नहीं।
तीन महीनों के अंदर मांगी गई थी रिपोर्ट:-
👉🏻बिजनेस लाइन के मुताबिक हालांकि समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था, लेकिन यह पता चला है कि मंत्रालय को नवंबर 2021 में रिपोर्ट मिली थी. गौरतलब है कि 27 कीटनाशकों पर प्रस्तावित प्रतिबंध 66 विवादास्पद कीटनाशकों को उनकी विषाक्तता के लिए चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के एक कदम का हिस्सा है. सरकार ने उनमें से 18 के पंजीकरण से इनकार कर दिया था. किसानों को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है उद्योग के सूत्रों ने कहा कि इन 27 कीटनाशकों का वर्तमान उत्पादन मूल्य लगभग 10,300 करोड़ रुपए है, जिसमें से 6,000 करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया जाता है उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि अगर इन कीटनाशकों की घरेलू बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है और निर्यात को छूट दी जाती है तो किसानों को आयातित विकल्प प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त 2,000
करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ सकता है।
स्त्रोत:- TV 9 Hindi,
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