गुरु ज्ञानAgrostar
बैंगन में छोटी पत्ती रोग के लक्षण और नियंत्रण!
🌱बैंगन पर कई रोग लगते हैं, जिनमें फायटोप्लाज्मा जनित बैंगन का छोटी पत्ती रोग सबसे महत्वपूर्ण रोग है।
इस रोग के कारण बैंगन की उपज में 40 प्रतिशत तक की कमी आ जाती है। बैंगन का यह रोग आमतौर पर
फसल बोने के एक महीने के बाद प्रकट होता है और बाद में महामारी बन जाता है।
🌱 लक्षण :-
1. इस रोग से प्रभावित पौधे की पत्तिया छोटी तथा गुच्छेदार दिखती है।
2. प्रारंभिक संक्रमण की अवस्था में कोई फल-फूल नहीं बनता है और उपज में गंभीर नुकसान
होता है।
3. देर से संक्रमण की स्थिति में रोगी पौधों में फल विकृत हो जाते हैं और सिकुड़ जाते हैं।
4. प्रकोपित पौधे के फल को काटे नहीं रहते।
5. बैंगन का छोटी पत्ती रोग प्रकृति में पर्णफुदका कीट प्रजाति द्वारा फैलता है।
🌱 नियंत्रण :-
🌱रोग से बचाव हेतु खेत की साफ-सफाई करते रहें।
🌱प्रभावित पौधों को उखाड़ कर जला दें।
🌱इसके नियंत्रण हेतु हमें थियामेथोक्सम 25 % @ 8 -10 ग्राम प्रति पंप या फिर
इमिडाक्लोप्रिड 70 % @ 6-7 ग्राम प्रति पंप के हिसाब से छिड़काव करे।
🌱 साथ ही आप टेट्रासाइक्लिन दवा /1 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी की दर से घोल बना कर
पौधों पर समान रूप से छिड़काव करें।
👉स्त्रोत:-Agrostar
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