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बैंगन को मुख्य क्षेत्र में प्रत्यारोपण करने से पहले एहतियाती उपाय
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
बैंगन को मुख्य क्षेत्र में प्रत्यारोपण करने से पहले एहतियाती उपाय
आमतौर पर किसान सालभर बैंगन की फसल लगाते हैं। कुछ रस चूसने वाले कीट जैसे माहु, हरा तेला, सफेद मक्खी, मकड़ी और साथ ही शीर्ष बेधक एंव फल छेदक इस फसल को प्रभावित कर रहे हैं। साथ ही बैंगन में छोटी पत्ती जैसी वायरल बीमारी भी देखी जाती है, जिसमें बैंगन के पौधों में कोई फूल और फल नहीं लगते हैं। स्वस्थ फसल और उच्च उत्पादन के लिए फसल की रोपाई और प्रारंभिक अवस्था के समय निम्नलिखित देखभाल की जानी चाहिए।
1. गोल बैंगन वाली किस्म कीटों से अधिक प्रभावित होती है। इसलिए आयताकार किस्मों का चयन करें।_x000D_ 2. सितंबर-अक्टूबर के दौरान रोपाई की गई फसल पर कीटों का कम प्रभाव होता है।_x000D_ 3. नई फसल लेने से पहले पुराने फसल अवशेषों को हटा कर नष्ट कर दें। नेट हाउस या पॉली हाउस में नर्सरी से लिए गए पौधों को ही प्रत्यारोपित करें।_x000D_ 4. रोपाई करने के 2-3 दिन पहले नर्सरी में कार्बोफ्यूरान 3 जी @3 किलो प्रति एकड़ दें।_x000D_ 5. मिट्टी के प्रकार के अनुसार दो पंक्तियों और दो पौधों के बीच की दूरी बनाए रखें।_x000D_ 6. रोपाई के लिए स्वस्थ पौधों का चयन करें।_x000D_ 7. मिट्टी में फैलाने के बजाय छिटकाव में अनुशंसित उर्वरकों को लागू करें।_x000D_ 8. इल्ली के साथ, संक्रमित शीर्ष को इकट्ठा कर, नष्ट करें या मिट्टी में दफन करें।_x000D_ 9. शीर्ष और फल छेदक कीट की निगरानी के लिए दो वोटा जाल स्थापित करें।_x000D_ 10. परजीवी (त्रेथेला) के कारण शीर्ष एंव फल छेदक इल्ली पर 55% से अधिक नियंत्रण किया जा सकता है। इन परिस्थितियों में, नीम आधारित कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें और उनका संरक्षण करें।_x000D_ 11. शीर्ष एंव फल छेदक के संक्रमण पर, नीम के पत्ते के अर्क, सीताफल या धतूरा @10% के साथ गोमूत्र 20% का छिड़काव करें।_x000D_ 12. समय-समय पर छोटी पत्ती रोग से प्रभावित पौधों को निकलकर नष्ट कर दें।_x000D_ 13. शीर्ष एंव फल छेदक के संक्रमण के बढ़ाने पर, क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी @10 मिली या इमामेक्टिन बेंजोएट 5 डब्ल्यूजी @4 ग्राम या थायोडिकार्ब 75 डब्ल्यूपी @10 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।_x000D_ डॉ. टी.एम. भरपोडा, एंटोमोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर, बी ए कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद- 388 110 (गुजरात भारत) यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे, तो फोटो के नीचे दिए पीले अंगूठे के निशान पर क्लिक करें और नीचे दिए विकल्पों के माध्यम से अपने सभी किसान मित्रों के साथ साझा करें।
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