कृषि वार्ताAgrostar
बुआई का सही समय कब!
🌱किसानों के लिए गन्ना और रबी की फसल एक मुख्य नकदी फसल है जो कि गन्ने से चीनी का मुख्य स्रोत है.
खेत की तैयारी इस प्रकार की जाए कि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खेत में ढेले बिल्कुल न रहें. गन्ने की बिजाई के लिए 2-2.5 फुट पर कूड़ बनाएं.
🌱इस विधि से करेंगे गन्ने की खेती तो हो जाएंगे मालामाल, बुवाई से पहले बस करना होगा ये काम:--
बिजाई का समय: बसंत कालीन बिजाई मध्य फरवरी से मार्च के अंत तक की जा सकती है तथा शरद कालीन बिजाई सितंबर के दूसरे पक्ष से अक्टूबर तक.
बीज की मात्रा: लगभग 35-45 क्विंटल बीज गन्ना प्रति एकड़ की बिजाई के लिए इस्तेमाल करें.गन्ने के साथ -साथ किसान भाई काम अवधी की सरसो,चना या लाही की समय से बुआई कर दोहरा उत्पादन कर सकते है.
🌱गन्ने के बीज का उपचार:-
बिजाई से पहले गन्ने के बीज पोरियों को कार्बेंडाजिम के घोल में 5 मिनट तक डुबोकर उपचार करें (100 ग्राम कार्बेंडाजिम को 100 लीटर पानी में घोलकर 35 क्विंटल बीज गन्ना).
🌱खेत की तैयारी:-
खेत की तैयारी इस प्रकार की जाए कि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खेत में ढेले बिल्कुल न रहें. बिजाई के लिए 2-2.5 फुट पर खूड़ बनाएं. यदि गन्ना फसल के साथ अन्तरवरतीय फसलें लेनी हो तो बिजाई 3-4 फुट पर करें.
🌱खाद कितनी, कब और कैसे:-
मिट्टी परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करने से कम लागत में अधिक पैदावार ली जा सकती है.
🌱नौलफ (बसंतकालीन):-
नौलफ गन्ना फसल के लिए सामान्य तौर 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलो फास्फोरस तथा 20 किलो पोटाश प्रति एकड़ प्रयोग कर सकते हैं. बसंत कालीन फसल में पूरा फास्फोरस, पूरा पोटाश व 1/3 नाइट्रोजन बिजाई के समय खूड़ों में, 1/3 नाइट्रोजन दूसरी तथा 1/3 नाइट्रोजन चौथी सिंचाई के साथ डालें.
•बिजाई के समय दीमक तथा फलसुआ की रोकथाम के लिए 2 लीटर क्लोरोपायरीफास को 350-400 लीटर पानी में घोलकर बिजाई के समय बीज टुकड़ों पर छिड़काव करें.
👉स्त्रोत:-Agrostar
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