जैविक खेतीखेती की पाठशाला
बिज उपचार का जैविक तरीका,जैविक खेती!
👉बीज संस्कार विधि* इस विधि के फायदे अनेक हैं। 1. बीजों के साथ खेतों में आवश्यक जीवाणु जाते हैं 2. घी और शहद अंकुर को गर्भ से निकलते ही पोषण देते हैं 3. गौ मूत्र बालक धान को सभी आवश्यक सुरक्षा प्रदान करता है और रोगप्रतिरोधक गुण प्रदान करता है 4. यह जीवाणु बालक पन से ही फसल के मित्र बनकर उसकी सभी आवश्यकताएं पूर्ण करते हैं। 👆🏼बीज उपचार की विधि *लीलाराम साहू* जी से सीखी।
जिसमे 50 किलो बीज का उपचार की विधि वीडियो में देखें।
जरुरी सामग्री👇🏼
1 घी-100ग्राम
2 शहद 200ग्राम
3 बरगद की मिट्टी 300 ग्राम
4 गोबर देशी गाय का 400 ग्राम
5 गौमूत्र 2 लीटर (आवश्यकता अनुसार) 👆🏼उपरोक्त चीज़े आवश्यकता अनुसार बढ़ा सकते हैं। मैंने 7 से 800ग्राम मिट्टी लिया है।
यह संस्कार नमक पानी से उपचारित करे हुवे धान के सूखने के पश्चात करना है, और बोवाई या थरहा डालना है।
स्त्रोत- Kheti ki Pathshala
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