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बासमती चावल का निर्यात 15 फीसदी तक घटने की आशंका
कृषि वार्ताआउटलुक एग्रीकल्चर
बासमती चावल का निर्यात 15 फीसदी तक घटने की आशंका
ईरान से आयात की मांग नहीं होने के कारण चालू वित्त वर्ष में बासमती चावल के निर्यात में 12 से 15 फीसदी तक कमी आने की आशंका है। इसका सीधा असर बासमती धान के किसानों पर पड़ रहा है। उत्पादक मंडियों में पूसा बासमती धान 1,121 की कीमत घटकर 2,750 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, जबकि पिछले साल इसके दाम 3,150 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल थे।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय बासमती चावल का ईरान सबसे बड़ा आयातक देश है तथा ईरान में भारतीय निर्यातकों के पहले करीब 1,500 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं इसलिए निर्यातक भी नए निर्यात सौदे नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चालू वित्त 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 11.33 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 18.70 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 20.82 लाख टन का हुआ था। _x000D_ स्रोत – आउटलुक एग्रीकल्चर, 2 नवंबर 2019_x000D_ यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे, तो फोटो के नीचे दिए पीले अंगूठे के निशान पर क्लिक करें और नीचे दिए विकल्पों के माध्यम से अपने सभी किसान मित्रों के साथ साझा करें।_x000D_
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