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बाजरा का अरगट रोग का नियंत्रण!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
बाजरा का अरगट रोग का नियंत्रण!
यह रोग केवल भुट्टों के कुछ दानों पर ही दिखाई देता हैं इसमें दाने के स्थान पर भूरे काले रंग के सींक के आकार की गांठे बन जाती है। जिन्हें स्केलेरेशिया कहते है। संक्रमित फूलों में फफूंद विकसित होती है जिनमें बाद में मधु रस निकलता है। प्रभावित दाने मनुष्यों एवं जानवरों के लिए हानि कारक होते है। इसके नियंत्रण के लिए:- खेत की गहरी जुताई करें। फसल चक्र सिद्धान्त का प्रयोग करें। फसल एवं खरपतवारों के अवशेषों को नष्ट करें। सिंचाई का समुचित प्रबन्ध करें। उन्नतशील/रोग प्रतिरोधक किस्मों की ही बुवाई करें। बीजशोधन हेतु थिरम 75 प्रतिशत डब्लूएस @ 2.5 ग्राम अथवा कार्बेण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लूपी@ की 2.0 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित करके बोना चाहिए। अप्रमाणित बीजों को 20 प्रतिशत नमक के घोल से शोधित कर साफ पानी से 4-5 बार धोकर बुवाई के लिए प्रयोग करना चाहिए।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यदि आपको दी गई जानकारी उपयोगी लगे तो, लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें।
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