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बागवानी से दोगुनी होगी देश के किसानों की आय! सरकार ने दिए 2250 करोड़!
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बागवानी से दोगुनी होगी देश के किसानों की आय! सरकार ने दिए 2250 करोड़!
👉🏻 इस क्षेत्र का आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है. वार्षिक कार्य योजना बनाने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों तक इस आवंटन की जानकारी पहुंचा दी गई है. 👉🏻 किसानों की आय को बढ़ाने में बागवानी क्षेत्र की भूमिका अहम हो सकती है. इसकी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 में बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए 2250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. देशभर में बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास और इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 को क्षेत्र पहले अधिक 2250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. 👉🏻 ये आवंटन केंद्र सरकार द्वारा समर्थित ‘मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH)’ योजना के अंतर्गत किया गया है. फल, सब्जियां, जड़ और कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधे, नारियल, काजू आदि को कवर करने वाले बागवानी क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को साकार करने के लिए कृषि मंत्रालय ने MIDH की शुरुआत की है. पिछले साल के मुकाबले इस बार अधिक आवंटन 👉🏻 इस क्षेत्र का आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है. वार्षिक कार्य योजना बनाने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों तक इस आवंटन की जानकारी पहुंचा दी गई है. बागवानी क्षेत्र में सरकार के हस्तक्षेप के कारण आज देश में बागवानी क्षेत्र का उत्पादन कृषि उत्पादन से आगे निकल गया है. 👉🏻 वर्ष 2019-20 के दौरान देश में 25.66 मिलियन हैक्टेयर भूमि पर बागवानी क्षेत्र का अब तक का सर्वाधिक 320.77 मिलियन टन उत्पादन हुआ. वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में 27.17 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागवानी क्षेत्र का कुल उत्पादन 326.58 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है. उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार 👉🏻 एमआईडीएच ने बागवानी फसलों की पैदावार करने वाले क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2019-20 तक बागवानी फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन क्रमशः 9% और 14% तक बढ़ा है. इसके अलावा, इस मिशन ने खेतों में इस्तेमाल की जाने वाली सर्वोत्तम प्रणालियों को बढ़ावा दिया है, जिसने खेत की उत्पादकता और उत्पादन की गुणवत्ता में काफी सुधार किया है. 👉🏻 एमआईडीएच के लागू होने से न केवल बागवानी क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है, बल्कि इसने भूख, अच्छा स्वास्थ्य और देखभाल, गरीबी मुक्त, लैंगिक समानता जैसे सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. बागवानी क्षेत्र हैं काफी संभावनाएं 👉🏻 हालांकि, यह क्षेत्र फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान और फसल कटाई के बाद के प्रबंधन एवं सप्लाई चैन के बुनियादी ढांचे के बीच मौजूद अंतर की वजह से अभी भी काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है. भारतीय बागवानी क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं, जो वर्ष 2050 तक देश के 650 मिलियन मीट्रिक टन फलों और सब्जियों की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए जरूरी है. 👉🏻 इस दिशा में किए जाने वाले अच्छे प्रयासों में सामग्री उत्पादन की रोपाई पर ध्यान केंद्रित करना, क्लस्टर विकास कार्यक्रम, कृषि अवसंरचना कोष के माध्यम से ऋण मुहैया कराना, एफपीओ के गठन और विकास जैसे कई प्रयास शामिल हैं. 👉🏻 खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। यदि दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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