गुरु ज्ञानAgroStar
फसल में अगेती अंगमारी या अर्ली ब्लाइट!
◉ यह रोग आल्टनेरिय सोलेनाई नामक कवक द्वारा होता है।
◉ जो आलू फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहूँचाता है|
◉ इस रोग के लक्षण पछेता अंगमारी से पहले यानी फसल बोने के 3-4 हफ्ते बाद पौधों की निचली पत्तियों पर छोटे-छोटे, दूर
दूर बिखरे हुए कोणीय आकार के चकत्तों या धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं, जो बाद में कवक की गहरी हरीनली वृद्धि से ढक जाते हैं|
◉ धब्बे तेजी से बढ़ते हैं और ऊपरी पत्तियों पर भी बन जाते हैं| शुरू में बिन्दु के आकार के ये धब्बे तेजी से बढ़ते हैं और शीघ्र ही तिकोने, गोल या अंडाकार हो जाते हैं|
◉ आकार में बढ़ने के साथ साथ इन धब्बों का रंग भी बदल जाता है और बाद में ये भूरे व काले रंग के हो जाते हैं|
◉ सूखे मौसम में धब्बे कड़े हो जाते हैं और नम मौसम में फ़ैल कर आपस में मिल जाते हैं, जिस से बड़े क्षेत्र बन जाते हैं|रोग का जबरदस्त प्रकोप होने पर पत्तियाँ सिकुड़ कर जमीन पर गिर जाती हैं और पौधों के तनों पर भूरे काले निशान बन जाते हैं| ◉ रोग का असर आलू के कंदों पर भी पड़ता है| नतीजन कंद आकार में छोटे रह जाते हैं|
◉ नियंत्रण के लिए एग्रोस्टार अजाक्स एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 23% एससी संघटनयुक्त @ 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़फसल में प्रति छिड़काव करें। या रोज़तम एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एससी संघटनयुक्त @ 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ फसल में प्रति छिड़काव करें।
◉ स्त्रोत:- AgroStar
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