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फसल बीमा योजना के अहम बदलाव!
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फसल बीमा योजना के अहम बदलाव!
💵पीएम फसल बीमा योजना को किसान फ्रेंडली बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं. ताकि उन किसानों को हर हाल में क्लेम मिले, जिनकी फसल को नुकसान पहुंचा हैं! 👉केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक शुरू से अब तक इस योजना के तहत 29.16 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया है. हर साल करीब 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आ रहे हैं. पिछले पांच साल में 8.3 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिला है. इसके अलावा, 20,000 करोड़ रुपये के किसानों की हिस्सेदारी की एवज में 95,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है! स्वैच्छिक हुई स्कीम- 👉इस योजना को किसानों के लिए स्‍वैच्‍छिक बना दिया गया है. अब तक बीमा कंपनियां उन किसानों के बैंक अकाउंट से प्रीमियम का पैसा काट लेती थीं, जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड होता था. पहले से ही सरकारी कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को पता ही नहीं लगता था कि उसकी फसल का बीमा हो चुका है. इसलिए किसान संगठनों की मांग पर सरकार ने इस मनमानी को खरीफ सीजन 2020 से खत्म कर दिया है! 👉कर्जदार किसान अगर इस योजना में शामिल नहीं होना चाहता तो आवेदन की तारीख से 7 दिन के पहले संबंधित बैंक शाखा में ऑप्ट-आउट फॉर्म या स्व-घोषणा पत्र प्रस्तुत करके इससे बाहर हो सकता है. इसके बाद उसके अकाउंट से फसल बीमा प्रीमियम नहीं कटेगा. 31 जुलाई इस योजना में शामिल होने की अंतिम तिथि है, इसलिए यह काम 24 जुलाई तक करना होगा! 👉फसल बीमा करने वाली कंपनियां एक साल की बजाय कम से कम तीन साल के लिए टेंडर भरेंगी. यानी अब कम से कम तीन साल के लिए बीमा का काम दिया जाएगा, जिससे किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एवं जवाबदेही पूरी होगी. यानी कोई कंपनी किसी क्षेत्र से सिर्फ एक साल में भाग नहीं पाएगी! 👉फसल नुकसान का आकलन अब सैटेलाइट के जरिए होगा. इसके जरिए स्मार्ट सैंपलिंग होगी. इससे किसानों को बीमा दावों का भुगतान पहले के मुकाबले जल्दी होगा. देश के 10 राज्यों के 96 जिलों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है! 👉फसल नुकसान की जानकारी फसल बीमा ऐप, कृषक कल्याण केंद्र, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से 72 घंटों के भीतर दी जा सकेगी! शिकायत निवारण कमेटियों का गठन- 👉कुछ राज्यों ने योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला स्तर पर परियोजना अधिकारी व सर्वेयर भी नियुक्त किए हैं. जो केवल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का ही कार्य देखेंगे. स्कीम से जुड़ी किसानों की शिकायतों के निपटान के लिए राज्य व जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का गठन किया गया है. हरियाणा सरकार ने यह व्यवस्था की है! 👉यदि आप पहले से नियोजित फसल को बदलना चाहते हैं तो यह भी संभव है. किसान को अंतिम तारीख से कम से कम दो दिन पहले यानी 29 जुलाई तक फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना होगा! स्त्रोत:- TV9 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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