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फसलों में पोषक तत्वों के कार्य और कमी के लक्षण!
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फसलों में पोषक तत्वों के कार्य और कमी के लक्षण!
🌿पौधों को भी अपनी वृद्धि और विकास लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पौधे जडो द्वारा भूमि से पानी एवं पोषक तत्व, वायु से कार्बनडाईऑक्सइड तथा सूर्य से ऊर्जा लेकर अपने विभिन्न भागों का निर्माण करते है। पौधों को अपने सामान्य वृद्धि लिए 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से कोई भी तत्व की कमी होने पर पौधे के वृद्धि विकास और उत्पादन पर विपरीत परिणाम होता है। पौधों के लिए आवश्यक तत्व उपलब्ध नहीं होने पर यह कमी के लक्षण प्रकट करते हैं। ✅नाइट्रोजन के कार्य: ⁕ सभी जीवित ऊतकों यानि जड़, तना,पत्ति की वृद्दि और विकास में सहायक है। ⁕ पौधों में कल्लों का विकास करता है। ⁕ पत्ती वाली सब्जियों और चारे की गुणवत्ता में सुधार करता है। ⁕ पौधों को स्वस्थ हरा रंग देता है। ⏩नाइट्रोजन की कमी के लक्षण : ⁕ पौधों मे प्रोटीन की कमी होना व हल्के रंग का दिखाई पड़ना । ⁕ निचली पत्तियाँ पीली पड़ने लगती है, जिसे क्लोरोसिस कहते हैं। ⁕ पौधे की बढ़वार का रूकना , कल्ले कम बनना , फूलों का कम आना । ⁕ पौधों का बौना दिखाई पड़ना । फसल का जल्दी पक जाना । ✅फास्फोरस(P) फास्फोरस के कार्य ⁕ पौधों के वर्धनशील अग्रभाग, बीज और फलों के विकास हेतु आवश्यक है। पुष्प विकास में सहायक है। ⁕ पौधों को कठोर बनाता है।प्रारंभिक विकास और जड़ निर्माण को उत्तेजित करता है। ⁕ कोशिका विभाजन के लिए आवश्यक है। जड़ों के विकास में सहायक होता है। ⁕ इससे फल शीघ्र आते हैं, फल जल्दी बनते है व दाने शीघ्र पकते हैं। ⏩फास्फोरस की कमी के लक्षण ⁕ पौधे छोटे रह जाते हैं, पत्तियों का रंग हल्का बैगनी या भूरा हो जाता है। ⁕ फास्फोरस गतिशील होने के कारण पहले ये लक्षण पुरानी (निचली ) पत्तियों पर दिखते हैं । ⁕ पौधो की जड़ों की वृद्धि व विकास कम होता है कभी -कभी जड़े सूख भी जाती हैं । ⁕ अधिक कमी में तने का गहरा पीला पड़ना , फल व बीज का निर्माण सही न होना । ✅ पोटाश(K) पोटाश के कार्य ⁕ एंजाइमों की क्रियाशीलता बढाता है ⁕ इसके उपयोग से पौधों में ठण्डक और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता बढ़ जाती है। ⁕ कार्बोहाइड्रेट के स्थानांतरण, प्रोटीन संश्लेषण और इनकी स्थिरता बनाये रखने में मदद करता है। ⁕ फसल में कीट व रोग प्रति रोधकता बढ़ाता है। ⁕ इसके उपयोग से दाने आकार में बड़े हो जाते है और फलों-सब्जियों की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। ⏩पोटाश की कमी के लक्षण ⁕ पत्तियाँ भूरी व धब्बेदार हो जाती हैं तथा समय से पहले गिर जाती हैं। ⁕ पत्तियों के किनारे व सिरे झुलसे दिखाई पड़ते हैं। ⁕ पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया कम तथा श्वसन की क्रिया अधिक होती है। ⁕ फल तथा बीज पूर्ण रूप से विकसित नहीं होते तथा इनका आकार छोटा , सिकुड़ा हुआ एवं रंग हल्का हो जाता है। ⁕ पौधों पर रोग लगने की सम्भावना अधिक हो जाती है। 🌿स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
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