कृषि वार्ताAgrostar
फसलों को पाला से कैसे बचायें!
👉पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इससे आमजन के साथ- साथ पशु- पक्षी और पेड़- पौधों का भी हाल बेहाल हो गया है. खास कर पाले और शीतलहर की वजह से आलू की फसल प्रभावित हो रही है. तापमान में गिरावट से आलू की फसल पर पाला जमने लगा है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, कई किसान तो शीतलहर और पाले को लेकर खासा चिंतित हैं.
👉बदलते मौसम से सबसे अधिक आलू की फसल को ज्यादा नुकसान होता है, जबकि चना, सरसों, अरहर, और हरी सब्जियों को भी थोड़ा बहुत नुकसान हो रहा है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि फसल को पाला से बचाने के लिए किसान हर संभव सिंचाई करें. और आलू की फसल पर पाला पड़ने से फसल को झुलसा रोग होता है. इसमें आलू की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और सड़ने लगती हैं. साथ ही पौधा गल जाता है.और ठंड के वजह से फसलों की पत्तियों की नसें फट जाती हैं
👉 ठंढ से फसल को बाचने के लिए एग्रोस्टार का मंडोज़ जिसमे मैंकोज़ेब 63% + कार्बेन्डाजिम 12% WP होता है इसका 2 ग्राम / लीटर और एग्रोस्टार का शटर जिसमे थियामेथोक्सम 75% होता है इसका 0.3 ग्राम / लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। साथ ही साथ किसान फूल फल और पौधो की बृद्धि विकास चाहते है तो किसान 2 एमएल /लीटर की दर से एग्रोस्टार का स्टेलर मिला सकता है।
👉आलू में इस समय झुलसा रोग और बैक्टीरियल रॉट या जीवाणु जनित तना गलन की समस्या देखने को मिलेगी उसके साथ रस चूसक किट में माहू और सफेद मक्खी आलू में आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए मेटल ग्रो 35 ग्राम + एग्रोअर 25 एमएल +पावर जेल 25 ग्राम प्रति पंप छिड़काव करना चाहिए |
👉स्रोत:-Agrostar
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