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फसलें हुई खराब,जाने कब तक मिलेगा मुआवजा !
कृषि वार्ताZee News
फसलें हुई खराब,जाने कब तक मिलेगा मुआवजा !
🌱राजस्थान के डूंगरपुर जिले (Dungarpur News) में इस बार मानसून में औसत से कम बारिश के चलते कई काश्तकारों की बोई फसलें खराब हो गई. जिले के 3 तहसीलों के 344 गांवों के 1 लाख से ज्यादा काश्तकारों की 25 करोड़ रुपये के करीब फसलें खराब हुई है. फसल खराब पर अब प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी है, जिस पर फसल खराबे से प्रभावित किसानों को उनकी फसल का मुआवजा मिल सकेगा! 🌱डूंगरपुर जिले में औसत बारिश 750 एमएम है लेकिन जिले के सागवाड़ा, गलियाकोट और साबला तहसील क्षेत्र में मानसून के दौरान औसत से काफी कम बारिश होने से कई किसानों की बोई हुई खरीफ की फसलें सुख गई या खराब हो गई. इस कारण किसानों को उनकी बोए हुए बीज की उपज भी नहीं मिली. किसान को कोरोना के बाद मानसून की बारिश से लगी उम्मीदें भी टूट गई, जिससे किसान परेशान हो गया! 🌱दूसरी ओर बारिश की बेरुखी से फसलें (Crops) बर्बाद होने पर राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए. डूंगरपुर जिला प्रशासन ने भी सभी पटवारी, गिरदावर और कृषि अधिकारियों के मार्फत फसल खराबे की सर्वे करवाई, जिसमें 33 प्रतिशत या इससे अधिक के फसल खराबे पर मुआवजा मिलेगा! 🌱जिले के एडीएम ने बताया कि सागवाड़ा, गलियाकोट और साबला तहसील के 344 गांवों में 1 लाख 9 हजार 959 किसानों की फसलें कम बारिश के कारण खराब हुई है. फसल खराबे पर 24 करोड़ 98 लाख 66 हजार रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है, उन्होंने बताया कि गिरदावरी की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गई है. जिसके बाद अब राज्य सरकार की ओर से फसल खराबे का मुआवजा किसानों को मिलेगा! किस पंचायत समिति के कितने किसानों का नुकसान - तहसील गांव, किसान, नुकसान प्रतिशत सागवाडा, 189 68301 7 करोड़ 90 लाख36 हजार, 52.18 % गलियाकोट, 61, 20202, 3 करोड़ 19 लाख, 52.21% साबला, 94, 21156, 13 करोड़ 89 लाख 30 हजार, 44.99 % 🌱जिले में कम बारिश के कारण वैसे तो सभी जगहों पर उपज कम मिली है, लेकिन सरकार 33 प्रतिशत या इससे अधिक के नुकसान पर ही मुआवजे का प्रावधान है. ऐसे में जिले में दूसरी 2 तहसीलों में भी 28 प्रतिशत तक नुकसान का आंकलन किया गया है, लेकिन यह नुकसान 33 प्रतिशत से कम है. इसलिए नियमों के अनुसार उन किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा. इसमें सीमलवाड़ा तहसील के 117 गांवों के 4051 हैक्टेयर में बोई फैसले खराब हुई है जो कुल प्रतिशत का 20.02 प्रतिशत है. इसके अलावा चिखली तहसील क्षेत्र में 27.99 प्रतिशत फसलें खराब हुई है. इसमें 2900 हैक्टेयर में फसल खराब हुआ, लेकिन यह किसान सरकारी दायरे में नहीं आने से मुआवजा नहीं मिलेगा! 🌱बहरहाल डूंगरपुर जिला प्रशासन ने सरकार के निर्देश पर विशेष गिरदावरी करवाने के बाद नुकसान के आकलन की रिपोर्ट तैयार कर ली है. वहीं उस तैयार रिपोर्ट को राज्य सरकार को भिजवा भी दी है. खेर अब देखने वाली बात होगी की सरकार इन पीड़ित किसानों को कब तक मुआवजा राशि जारी करके राहत पहुंचा पाती है! स्त्रोत:- कृषि जगरण 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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