AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
फल पौध रोपण योजना: फल वृक्ष लगाएं, 25000 तक अनुदान पाएं!
योजना और सब्सिडीKisan Helpline
फल पौध रोपण योजना: फल वृक्ष लगाएं, 25000 तक अनुदान पाएं!
फल पौध रोपण योजना:- 👉🏻योजना का उद्देश्य– जिले के फल पौध क्षेत्र में विस्तार एवं फल उत्पादन में वृद्धि करना। 👉🏻चयनित फसलें– जिले में कृषकों द्वारा ली जा रही फलदार फसलें/ कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर/ ग्वालियर के उद्यानिकी विभाग द्वारा अनुशंसित सभी फलदार फसलें। 👉🏻योजना का स्वरुप– हितग्राही को कम से कम 1/4 हेक्टर और अधिकतम 4 हेक्टर तक (एक फल) के रोपण पर अनुदान की पात्रता होगी। फलदार फसलों पर स्वयं के साधन से रोपण करने पर एवं बैंक ऋण पर अनुदान देय। 👉🏻अनुदान की पात्रता– योजना के तहत नाबार्ड/ विभाग द्वारा प्रति हेक्टर निर्धारित लागत मूल्य का 25 प्रतिशत अनुदान देय होगा। निर्धारित वित्तीय मापदण्ड पर 25 प्रतिशत अनुदान देय का फलवार पत्रक क्र. फल प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष तृतीय वर्ष योग 1 आम 18000 6000 6000 30000 2 संतरा/ मौसंबी/ नींबू 18000 6000 6000 30000 3 आंवला 18000 6000 6000 30000 4 अमरुद 18000 6000 6000 30000 5 अनार 18000 6000 6000 30000 6 केला (संकर) 22500 7500 0 30000 7 केला टिशुकल्चर 37500 12500 0 50000 8 पपीता 22500 7500 0 30000 👉🏻योजना के तहत कृषक को अधिकतम 2 हैक्टर तक लाभ देने का प्रावधान है, जिसकी न्यूनतम सीमा 0.25 हेक्टर हैं। कृषक को अधिकतम 2 हेैक्टर की सीमा तक खरीफ, रबी एवं जायद में अनुदान का लाभ दिया जा सकेगा। 👉🏻योजनांतर्गत निर्धारित सीमा में उन्नत/ संकर सब्जी बीज की अनुदान राशि पात्रता अनुसार देय होगी। 👉🏻कृषक को नवीन भूमि/ खाद्यान्न फसलों के स्थान पर सब्जी फसल लेने पर अनुदान की पात्रता होगी। अनुदान की पात्रता- 👉🏻सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को उन्नत/ संकर सब्जी उत्पादन पर आदान सामग्री का 50 प्रतिशत अधिकतम 12500 रु. प्रति हेक्टर जो भी कम होगा, अनुदान देय होगा। 👉🏻कंद वाली व्यवसायिक फसलें जैसे-आलू अरबी फसल उत्पादन हेतु अधिकतम 25000 रुपये अनुदान देय होगा। 👉🏻सब्जी फसलों के लिये लगने वाली आदान सामग्री के लागत व्यय का निर्धारण संचालनालय स्तर पर गठित समिति करेंगी, जिसमें सदस्य के रुप में कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर/ ग्वालियर उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिक नाबार्ड के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के सदस्य होंगे। योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र- 👉🏻जो कृषक ऋण नहीं लेना चाहते हैं उन्हें विभागीय योजनाओं में आम, संतरा, नीबू, आँवला, अमरूद एवं अनार का बगीचा लगाने के लिए नाबार्ड द्वारा प्रति हैक्टर निर्धारित लागत मूल्य का 25।़ अनुदान दिया जाता है। अंगूर, केला एवं पपीता फल पौध रोपण पर अनुदान केवल बैंक ऋण पर ही देय होगा। भूमि व जलवायु की उपयुक्तता के आधार पर उक्त फसलों को विभागीय योजना के तहत निम्नानुसार जिलों में क्रियान्वित किया गया है। 👉🏻आम (39) जिले- रीवा, सीधी, सतना, शहडोल, जबलपुर, उमरिया, कटनी, मण्डला, सिवनी, बालाघाट, भोपाल, रायसेन, विदिशा, बैतूल, डिण्डोरी, हरदा, टीकमगढ़, पन्ना, इन्दौर, होशंगाबाद, सागर, दमोह, छतरपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, धार, झाबुआ, रतलाम, ग्वालियर, राजगढ़, सीहोर एवं अनूपपुर। 👉🏻संतरा (22) जिले- छिंदवाड़ा, उज्जैन, मंदसौर, शाजापुर, नीमच, देवास, रतलाम, राजगढ़, बैतूल, हरदा, गुना, होशंगाबाद, खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, सीहोर, रायसेन, विदिशा, जबलपुर, सिवनी, बुरहानपुर एवं अशोकनगर। 👉🏻नीबू (32) जिले- नरसिंहपुर, मण्डला, डिण्डोरी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, धार, खरगौन, हरदा, खण्डवा, देवास, सीहोर, विदिशा, शिवपुरी, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, दतिया, रीवा, सतना, रायसेन, होशंगाबाद, श्योपुर, बड़वानी, रतलाम, कटनी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सागर, टीकमगढ़ एवं बुरहानपुर। 👉🏻केला (9) जिले- बालाघाट, मण्डला, धार, खरगौन, हरदा, बड़वानी, डिण्डोरी, होशंगाबाद और देवास । 👉🏻पपीता (27) जिले- भोपाल, सीहोर, रायसेन, इन्दौर, खंडवा, बड़वानी, खरगौन, धार, नीमच, हरदा, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, होशंगाबाद, रीवा, सतना, ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, कटनी, सागर एवं बुरहानपुर। 👉🏻अंगूर (9) जिले- बैंक पर रतलाम, उज्जैन, देवास, इन्दौर, धार, खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, एवं बुरहानपुर। 👉🏻आंवला (48) जिले- वर्ष 2006-07 से प्रदेश के सभी जिलों में। 👉🏻अमरूद (48) जिले- वर्ष 2006-07 से प्रदेश के सभी जिलों में। 👉🏻अनार (9) जिले- धार, झाबुआ, खरगौन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, भोपाल एवं राजगढ़ 👉🏻पात्र हितग्राही- सुनिश्चित सिंचाई के साधन वाले वर्गों के कृषकों को एक समान लाभ दिया जाता है। हितग्राही चयन प्रक्रिया- 👉🏻एक कृषक को कम से कम 1/4 हैक्टर और अधिकतम 2 हैक्टर तक ही लाभ मिल सकेगा। पश्चातवर्ती वर्षों में अनुदान की पात्रता 80।़ पौधे जीवित रहने पर होगी। योजना में आवश्यक फल पौध उद्यानिकी विभाग के माध्यम से प्रदाय किए जाते हैं जिसका समायोजन अनुदान राशि से किया जाता है। जिन कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया जाता है उन्हें दो दिवसीय प्रशिक्षण, विशेषज्ञों से दिए जाने का प्रावधान है। स्रोत:- Kisan Helpline, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। यदि दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
46
5
अन्य लेख