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प्रिसिजन फार्मिंग के जरिए बढ़ेगा उत्पादन, किसानों को सबसे ज्यादा मुनाफा!
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प्रिसिजन फार्मिंग के जरिए बढ़ेगा उत्पादन, किसानों को सबसे ज्यादा मुनाफा!
👉🏻 तकनीक की मदद से किसानों को फसल उत्पादन और सामाजिक-आर्थिक हालत सुधारने में मदद मिल सकती है। प्रिसिजन फार्मिंग भी नये ज़माने की खेती के लिए ऐसी ही पद्धति है। 👉🏻 तकनीकी एडवांसमेंट हम सभी के जीवन में कुछ इस तरह से शामिल हो गया है कि इसके बिना शायद ​अपनी जिंदगी की कल्पना करना मुश्किल है। अगर किसान भी खेती में इसी तरह के तकनीक के इस्तेमाल करें तो उनकी कई समस्याएं खत्म हो जाएंगी। 👉🏻 किसानों को उत्पादन और कमाई बढ़ाने में एक नई तरह की खेती बेहद कारगर साबित हो रही है। इसे प्रिसिजन फार्मिंग कहते हैं। आज हम आपको प्रिसिजन फार्मिंग के बारे में ही कई जरूरी बातें बताने वाले हैं। इससे किसानों को आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मदद मिल रहा है। क्या है प्रिसिजन फार्मिंग? 👉🏻 सबसे पहले तो यही जान लेंते हैं कि प्रिसिजन फार्मिंग क्या होती है। इसके बाद जानेंगे कि नये ज़माने की इस खेती में क्या करना होता है और किस तरह की चुनौतियां हैं। प्रिसिजन फार्मिंग एक तरह का फार्मिंग मैनेजमेंट सिस्टम है, जिसमें खेती के हर स्तर पर नई तकनीक का सहारा लिया जाता है। खेती की मिट्टी को लेकर सही समझ बनाने और उसी हिसाब से बीज, उर्वरक और कीटनाशक का इस्तेमाल किया जात है। तकनीक की मदद से किसान के पास सहूलियत होती है कि वो खेती को लेकर सही फैसले ले। उन्हें किस्मत के सहारे नहीं रहना पड़ता है। फसल से जुड़ी हर छोटी जानकारी मिलती है 👉🏻 इस तरह की तकनीक के इस्तेमाल से खेती की बढ़ती लागत और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है। पर्यावरण पर भी होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। प्रिसिजन फार्मिंग में आधुनिक तकीनीकी उपकरणों को इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सेंसर की मदद से फसल, मिट्टी, खरपतवार, कटी या पौंधों में होने वाली बीमारियों की स्थिति के बारे में पता किया जा सकता है। इन तकनीक की मद से फसल में हर छोटे से परिवर्तन पर नज़र रखी जा सकती है। क्या हैं प्रिसिजन फार्मिंग के फायदे? 👉🏻 कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है। 👉🏻 मिट्टी की सेहत खराब नहीं होती है। 👉🏻 फसल में अत्यधिक केमिकल की जरूरत नहीं पड़ती है। 👉🏻 पानी जैसे रिसोर्स का उचित और पर्याप्त इस्तेमाल होता है। 👉🏻 फसल की क्वॉलिटी, उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिली है। 👉🏻 खेती में लगने वाली लागत कम होती है. 👉🏻 इस तरह की खेती से किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलती है। क्या है चुनौती? 👉🏻 प्रिसिजन फार्मिंग पर किए गए कई रिसर्च से पता चलता है कि इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती उचित शिक्षा और आर्थिक स्थिति है। भारत में इस खेती को लेकर लोकल एक्सपर्ट्स, फंड, इस पद्धति की पूरी जानकारी आदि की कमी है. इसके लिए प्रिसिजन फार्मिंग का शुरुआती खर्च भी बहुत ​अधिक होता है। 👉🏻 खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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