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प्राकृतिक खेती करने पर 3 साल तक मिलेगी सब्सिडी!
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प्राकृतिक खेती करने पर 3 साल तक मिलेगी सब्सिडी!
👉किसानों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, भारत सरकार के द्वारा प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को तीन साल तक सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लखनऊ में आयोजित प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम में दी है. 👉केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के किसानों के लिए एक खबर दी है. किसानों को अच्छे लाभ और बढ़िया पैदावार के लिए प्राकृतिक खेती करने पर जोर देना चाहिए. देखा जाए तो अच्छी सेहत व प्रकृति को बचाएं रखने के लिए भी किसानों को अब धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती को अपनाने की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते कल यानी शुक्रवार के दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित के दौरान प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर अधिक जोर दिया. 👉शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम के दौरान किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर किसान अपने खेत में प्राकृतिक खेती करते हैं, तो ऐसे किसानों को सरकार करीब 3 साल तक सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध कराएगी. प्राकृतिक खेती के लिए 3 सालों तक मिलेगी सब्सिडी. 👉लखनऊ में आयोजित किए गए 'प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम' में केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि सरकार के द्वारा प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को तीन सालों तक सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. क्योंकि प्राकृतिक खेती करने से पैदावार कम होती है, ऐसे में किसान को किसी भी तरह के आर्थिक नुकसान का सामना न करने पड़े और वह अपनी आय से अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें. इसके लिए सरकार तीन सालों तक बेहतर सब्सिडी देगी. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जब किसान अपने खेत में प्राकृतिक तरीके से फल और सब्जियों की खेती करेंगे, तो यह उनकी आय बढ़ाने में मददगार साबित होगी. क्योंकि बाजार में प्राकृतिक खेती के द्वारा उगाई गई सब्जियों-फल के उच्च दाम होते हैं. 👉एक करोड़ किसानों को किया जाएगा जागरूक:- शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती के बारे में छात्रों व किसानों को जागरूक करने के लिए देशभर में कृषि विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाएं स्थापित किए जाएंगे. इन कृषि विश्वविद्यालयों में लगभग एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक व प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि वे किसान अन्य छोटे किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने की सलाह व प्रचार कर सकें. 👉स्रोत:-AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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